कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले के बदनापुरा में पुलिस लगातार लड़कियों की सर्चिंग कर रही है। इसके साथ ही फर्जी दस्तावेज से नाबालिग लड़कियों को बालिग बनाने के धंधे की कड़ियां पश्चिम बंगाल तक पहुंच गई हैं। बस्ती पुलिस की नजर में आई है, तो यहां से ज्यादातर लड़कियां गायब हो गई हैं। जो लोग नाबालिग बच्चियों को कब्जे में रखने में पकड़े गए हैं वे अब राज उगल रहे हैं। बस्ती में बिहार और पश्चिम बंगाल की नाबलिग और गरीब परिवार की कई लड़कियां हैं।

ग्वालियर के बदनापुरा बस्ती में बिट्टू सिंह उचिया के घर से पश्चिमी बंगाल की लड़की बरामद हुई है। लड़की ने खुलासा किया 14 साल की उम्र में उसे बस्ती में लाया गया था। मौसी सुशीला जो इच्छापुर पश्चिम बंगाल की है, उसे यहां लाई थी। पहली बार उसने ग्वालियर और बदनापुरा देखा था। फिर बस्ती से बाहर नहीं निकल पाई। यहां लाकर उसका नाम और जिंदगी बदल दी। उसका जन्मप्रमाण पत्र बैरखपुर प. बंगाल से बना है। इसमें उसका असली नाम लिखा है। पुलिस का कहना है बच्चियों को छोटी उम्र में तस्कर खरीदारों के ठिकाने पर पहुंचाते हैं। इसलिए लड़कियां उन्हें ही परिवार मानती हैं। इसका फायदा उनके खरीदार उठाते हैं। लेकिन अब जो लड़कियों का कनेक्शन पश्चिम बंगाल और बिहार से जुड़ा है, तो वहां भी पुलिस जाएंगी।

गरीब परिवारों की लड़कियों को तस्करी से बस्ती में और फिर देह कारोबार के लिए नागपुर और मुंबई के रेड लाइट एरिया में पहुंचाने का धंधा सामने आ चुका है। जिस्म फरोशी में पकड़े गए आरोपियों ने खुलासे भी किए हैं। लड़कियों की खरीद फरोख्त करने वालों ने तस्करी का तरीका बदला है। दलाल ऐसे परिवारों पर नजर रखते हैं जिनकी माली हालत खराब और कई मासूम बेटियां हैं। देह कारोबारियों के दलाल गरीब माता पिता को झांसा देते हैं कि उनकी बेटियों को निसंतान अमीर दंपती गोद लेने को राजी है। उनकी बेटियों का भविष्य सुरक्षित रहेगा। इस आड़ में मासूम लड़कियों को परिवार से लाकर बस्ती में देह कारोबारियों के ठिकाने पर पहुंचाते हैं। जानकारी रिषिकेश मीणा- सीएसपी, ग्वालियर ने दी।

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