रायपुर. रिटायर्ड वन अधिकारी अब्राहम तिर्की, भिलाई के बड़े उद्योगपति की पत्नी संगीता केतन शाह समेत सैकड़ों लोगों ने आज भाजपा प्रवेश किया. 2013 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव हार चुके रिटायर्ड वन अधिकारी अब्राहम तिर्की ईसाई समुदाय के धर्मगुरु विशप इलानुएल केरकेट्टा के मित्र हैं. वे 2013 में चुनाव हारने के बाद 4 महीने तक जोगी कांग्रेस में थे, लेकिन 2018 में जोगी कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर फिर से कांग्रेस में वापसी की थी.

BJP कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में रिटायर्ड वन अधिकारी अब्राहम तिर्की, उद्योगपति केतन शाह की पत्नी संगीता केतन शाह और गोपेश साहू समेत सैकड़ों लोगों ने भाजपा प्रवेश किया है. संगीता केतन शाह Simplex Casting के एमडी हैं. वहीं गोपेश साहू रायपुर में मोतीलाल नेहरू वार्ड से पार्षद हैं. इस दौरान सह प्रभारी नितीन नबीन, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, विधायक अजय चंद्राकर, पूर्व मंत्री राजेश मूणत, केदार कश्यप, ओपी चौधरी समेत कई नेता मौजूद रहे.

संगीता केतन शाह छत्तीसगढ़ की उद्यमी हैं. उन्होंने महिलाओं को जागरूक करने में पहचान बनाई है. महिला सशक्तीकरण के लिए भी काम किया है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की नीति रीति को देखते हुए भाजपा में प्रवेश लिया है. जशपुर कुनकुरी के अब्राहम तिर्की ने 50 लोगों के साथ भाजपा प्रवेश किया. वहीं रायपुर में मोतीलाल नेहरू वार्ड के पार्षद गोपेश साहू भी बीजेपी में शामिल हुए. उनके साथ 151 लोगों ने भाजपा में प्रवेश किया.

अब्राहम तिर्की की पारिवारिक पृष्ठभूमि

अब्राहम तिर्की की पैदाइश जशपुर जिले के कुनकुरी शहर से लगे धुमाडांड गांव में जमींदार परिवार में हुई. उनके पिता स्व. पौलुस तिर्की ग्राम पटेल थे. 6 भाई, 3 बहनों में अब्राहम तिर्की दूसरे नम्बर के बेटे हैं. बड़े भाई डाक विभाग के अधिकारी पद से रिटायर होकर भोपाल में निवास कर रहे हैं. एक भाई गांव के पास रायकेरा पंचायत में सरकारी मिडिल स्कूल के हेडमास्टर के रूप में सेवा दे रहे हैं. 3 भाई खेती किसानी में व्यस्त हैं.

शिक्षा

अब्राहम तिर्की की प्रारंभिक शिक्षा गांव में मिशनरी स्कूल में हुई. वहीं माध्यमिक व हाईस्कूल की पढ़ाई लोयोला हाईस्कूल कुनकुरी से की. इसके बाद हायर एजुकेशन के लिए भोपाल के सोफिया साइंस कॉलेज में दाखिला लिया.

नौकरी

एमएससी करने के बाद अब्राहम तिर्की ने राज्य सेवा पीएससी की परीक्षा दी और फारेस्ट रेंजर के पद पर बस्तर में नौकरी शुरू की. 1979 से 2001 तक 23 साल का लंबा कार्यकाल बस्तर में बिताया, फिर लगभग तीन साल कुनकुरी में एसडीओ फारेस्ट के पद पर नौकरी की. 2013 में विधानसभा की टिकट मिलने पर वीआरएस लेकर नौकरी छोड़ दी.

राजनीति

2008 में कांग्रेस की टिकट पाने की होड़ में थे. अजीत जोगी के समर्थन से अब्राहम की टिकट तय हो गई, लेकिन अंतिम समय में टिकट वर्तमान विधायक व संसदीय सचिव युडी मिंज को मिल गई. हालांकि 2008 का चुनाव यूडी मिंज ने 10 हजार से हारा. 2013 में उन्होंने अजीत जोगी और ईसाई समुदाय के धर्मगुरुओं के दवाब में टिकट तो हासिल कर लिया, लेकिन भाजपा के प्रत्याशी रोहित साय से 35 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव हार गए. इसके बाद 2018 में टिकट नहीं मिली और टिकट महंत गुट के इंजीनियर युडी मिंज को दोबारा टिकट मिली. 2018 में कांग्रेस की सरकार बनी लेकिन अब्राहम तिर्की हाशिये पर रहे. अब खुद को उपेक्षित बताकर भाजपा में भाग्य आजमाने की तैयारी में कांग्रेस छोड़कर जा रहे हैं.

क्या कहते हैं अब्राहम

कांग्रेस पार्टी में सम्मान नहीं मिल रहा था. लगातार उपेक्षित हो रहा था इसलिए मैंने कांग्रेस छोड़ बीजेपी ज्वाइन किया. भाजपा में कार्यकर्ताओं की पूछपरख होती है. नरेंद्र मोदी और अमित शाह के कार्यों से प्रभावित होकर मैं भाजपा ज्वाइन कर रहा हूं. इन दोनों नेताओं की वजह से देश का विश्व में कद ऊंचा हुआ है. भारतीय जनता पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है.