रायपुर. भारतीय प्रशासनिक सेवा के चर्चित अफसर अनिल टुटेजा बुधवार को रिटायर हो गए. उन्हें भूपेश सरकार की कई लोकप्रिय योजनाओं का ‘ब्रेन चाइल्ड’ माना जाता है. टुटेजा ने अपने कैरियर में अनेक चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया. भूपेश सरकार में उन्होंने जैसी ऊर्जा, कल्पनाशीलता और क्षमता से काम किया, उससे वे भारतीय जनता पार्टी और केंद्रीय एजेंसियों के निशाने पर आ गए.

टुटेजा मूल रूप से बिलासपुर के निवासी हैं. मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में वे टॉपर रहे. उन्होंने डिप्टी कलेक्टर के रूप में कई जिलों में अपनी सेवाएं दी. उनकी प्रशासनिक क्षमता अद्वितीय रही. यही वजह है कि वो सीएम, मंत्रियों और सीनियर अफसरों के प्रिय रहे. वो आरडीए सीईओ, भिलाई और राजनांदगांव के नगर निगम कमिश्नर व रायपुर संभाग के उपायुक्त रहे. राज्य गठन के बाद पंचायत ग्रामीण विभाग में बतौर संचालक के पद पर पदस्थ किए गए. प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद सीएम सचिवालय में उप सचिव के पद पर काम करते हुए ग्राम सुराज अभियान जैसे कई कार्यक्रमों में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

टुटेजा को आईएएस अवॉर्ड होने के बाद नागरिक आपूर्ति निगम का एमडी बनाया गया. इस दौरान यहां एक शिकायत के बाद ईओडब्ल्यू-एसीबी की छापेमारी ने राजनीतिक रंग ले लिया. उन पर संस्थान को करोड़ों का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा, मगर वस्तुस्थिति यह थी कि टुटेजा के एमडी रहते पहले नान को मुनाफा हुआ था. रमन सरकार के कार्यकाल के दौरान कुछ ताकतवर अफसरों का खेमा उनके पीछे लगा रहा और चुनाव नतीजे आने से पहले उन्हें तत्कालीन प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला के साथ आरोपी बना चालान पेश कर दिया गया. इसके बाद से अब तक वो कानूनी झमेले में पड़े रहे. इस वजह से उनका प्रमोशन रूक गया, जबकि उनके बैचमैट सचिव हो चुके हैं.

हालांकि सरकार बदलने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन पर भरोसा किया और इसमें खरे भी उतरे. ऐसे समय में जब एक के बाद एक सीनियर अफसर प्रतिनियुक्ति पर जा रहे थे, टुटेजा ने डायरेक्टर इंडस्ट्रीज के पद पर रहते हुए भी शासन की कई योजनाओं को मूर्तिरूप दिया. वे सरकार के प्रमुख रणनीतिकार रहे.

उन्होंने नई उद्योग पॉलिसी लाकर निवेश का नया क्षेत्र ढूंढा. इसका परिणाम यह रहा कि राज्य में दर्जनभर एथेनाल प्लांट लग रहे हैं. बीमार उद्योगों को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री की पहल पर कई योजनाएं शुरू कराने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई. मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना भूपेश सरकार की क्रांतिकारी योजना मानी जाती है. इस योजना को तैयार करने में टुटेजा ने अहम भूमिका निभाई. डब्ल्यूएचओ ने भी इस योजना की सराहना की.

टुटेजा ने पर्दे के पीछे रहते हुए राम वन गमन पथ और कृष्ण कुंज योजना को साकार किया. उन पर आईटी और ईडी की रेड भी पड़ी. इन सबके बावजूद विपरीत परिस्थितियों में बेहतर काम करने की मिसाल कायम की है. प्रशासनिक क्षमता के साथ साथ अनिल टुटेजा शतरंज के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रहे. वे सिविल सेवा राष्ट्रीय शतरंज में भारत में द्वितीय स्थान पर रहे. अविभाजित मध्यप्रदेश में प्रथम एवं द्वितीय स्थान पर रहे. अनिल टुटेजा के एमपीपीएससी में टॉप करने के बाद उन्होंने सदैव नये अभियार्थियों को मार्गदर्शन दिया एवं हमेशा प्रेरणास्रोत बने रहे.