लखनऊ. उत्तर प्रदेश में अवैध खनन मामले में सीबीआई की छापेमारी के बाद चर्चा में आईं IAS अधिकारी बी. चंद्रकला ने एक बार फिर अपने अनोखे और शायराना अंदाज में अपनी बात लोगों के सामने रखी है. एक और कविता के सहारे अपनी बात लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की है. बता दें कि सीबीआई ने 5 जनवरी को चंद्रकला के लखनऊ स्थित घर पर छापेमारी की थी. चंद्रकला पर सपा सरकार में जिलाधिकारी रहते हुए ग़लत तरीके से खनन पट्टे देने का आरोप है. आईएएस अधिकारी बी. चंद्रकला ने अपने लिंकडिन प्रोफाइल पर अपनी एक स्वरचित कविता को साझा करते हुए लिखा है कि ‘जानेमन, तुम छिप-छिप कर आना’ इतना ही नहीं अपनी कविता की समाप्ति पर उन्होंने लिखा है कि छापा जांच की प्रक्रिया का एक हिस्सा मात्र है.
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IAS चंद्रकला ने CBI की रेड को इस अंदाज में बताया चुनावी छापा
आपको बता दें कि बी. चंद्रकला उन प्रशासनिक अधिकारियों में से एक हैं, जो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहा करती हैं और अपनी हर गतिविधि को विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर बखूबी शेयर भी करती हैं. उनकी यह पोस्ट काफी वायरल हो रही है.
ये है पूरी कविता…
प्रिय दोस्तों, आइए, परमात्मा के दिये इस नये सवेरे में हम अपनी तरफ से प्रेम की सुगंध फैलाएं।। नफरत और घृणा से जीवन, दूषित होता है।। इन सुंदर पंक्तियों के साथ शुभारम्भ करते हैं.
आ सोलह श्रृंगार करूं, मैं,
आ मैं तुमको, प्यार करूं, मैं।।
घर से निकल कर, सीधी सड़क पर,
चौवाड़े से दायीं, मुड़ जाना,
वह जो गंगा तट है, देखो,
ऊपर एक मंदिर है, पुराना।।
उसके पीछे पीपल का वृक्ष,
जाने मन तुम, वहीं आ जाना,
आना तुम छिप-छिप कर आना,
आना, नजरें चार करेंगे,
मधुवन का श्रृंगार बनेंगे।।
हेट की रात है, बड़ी ही सुहानी,
माहताब है, देख दिवानी,
रातरानी, चंपा, चमेली,
फूल, तुम लाना संग में सहेगी।।
रजनीगन्धा को भी ले आना,
दोस्त है ये अपना, बड़ा ही पुराना,
आना, जरा जल्दी आ जाना।।
चंदा की बे-सब्री देखो,
उग आयी है, रात की रानी,
नदियों की धारा तुम, देखो,
देखो इसका, कल-कल पानी।।
कोयल की स्वर, देखो, हे प्रिये!
उर्वशी भी है, तेरी दिवानी,
कुमकुम के रंगों से सज गयी,
गौधूली की प्रीत पुनानी।।
देखो, जब मंदिर में बजेगी,
संध्या-भजन की घंटी, तब तुम,
बीत जाए जब, एक पहर और,
घर से निकल ही आना प्रिय तुम।।
मैं बैठा इंतजार करूंगा,
पीपल के नीचे, चांदनी रात में,
मैं बन दर्पण, श्रृंगार करूंगा,
आना तुमको मैं प्यार करूंगा।।
छापा, जांच की प्रक्रिया का एक हिस्सा मात्र है ।। — आपकी चंद्रकला ।।