रायपुर। एक तरफ तो सरकार दावे करती है कि आदिवासीयों के हितों के लिए लगातार काम कर रही है,वहीं सरकार की एक अधिकारी आदिवासी बच्चों को गंवार और बद्तमीज कहते हुए अपने दफ्तर से बाहर निकाल देती है…और ये असंवेदनशीलता भी उस अधिकारी ने दिखाइ है,जिसको आदिम जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग की जिम्मेदारी दी गइ है…
हम बात कर रहे हैं आदिम जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग की विशेष सचिव रीना बाबा साहेब कंगाले की…. सरकार द्वारा आदिवासी एवं पिछड़ा वर्ग के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहे छात्र आज रीना बाबा साहेब कंगाले को 15 दिसंबर को हो रहे कार्यक्रम में आमंत्रित करने पहुंचे थे..
जब इनकी मुलाकात रीना बाबा साहेब कंगाले से हुई तो इन्होंने अपनी कुछ परेशानियां भी अधिकारी के सामने रखनी चाही,छात्रों का कहना है कि जैसे ही उन्होने अधिकारी को अपनी परेशानी बताई ,अधिकारी भड़क गईं और बच्चो को गंवार और बद्तमीज कहते हुए कमरे से बाहर जाने को कहा..
हालांकि मामला काफी गंभीर था और उस अधिकारी के खिलाफ था जिनको सरकार काफी काबिल मानती है, तो हमने भी अधिकारी का पक्ष जानने के लिए उनको फोन किया… तो
उनका व्यवहार जब एक पत्रकार के साथ ऐसा था तो उन आदिवासी छात्रों के साथ कैसा रहा होगा.
सुनिए बातचीत का ऑडियो
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