
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारियों और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) तथा भारतीय वन सेवा (IFS) के अधिकारियों के बीच वर्चस्व की प्रतिस्पर्धा पर सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि IAS अधिकारी अक्सर IPS और IFS अधिकारियों के मुकाबले अपनी श्रेष्ठता स्थापित करने का प्रयास करते हैं. यह टिप्पणी उस समय की गई जब सुप्रीम कोर्ट ‘कॉम्पेन्सेटरी अफोरेस्टेशन फंड मैनेजमेंट एंड प्लानिंग अथॉरिटी’ (CAMPA) फंड के दुरुपयोग से संबंधित मामले की सुनवाई कर रहा था.
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति बीआर गवई और ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने यह टिप्पणी की है कि उन्हें यह अनुभव हुआ है कि आईएएस अधिकारी अक्सर आईएफएस और आईपीएस अधिकारियों से अपनी श्रेष्ठता प्रदर्शित करने का प्रयास करते हैं.
न्यायमूर्ति गवई ने उल्लेख किया कि उन्होंने तीन वर्षों तक सरकारी वकील के रूप में कार्य किया और इसके बाद 22 वर्षों तक न्यायाधीश के रूप में सेवा की. उन्होंने यह भी कहा कि आईएएस अधिकारी अक्सर आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों से अपनी श्रेष्ठता प्रदर्शित करने की कोशिश करते हैं, जो सभी राज्यों में एक सामान्य समस्या है. यह शिकायत अक्सर सुनने को मिलती है कि आईपीएस और आईएफएस अधिकारी एक ही कैडर का हिस्सा होने के बावजूद आईएएस अधिकारियों को अपने से जूनियर क्यों मानते हैं.
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CAMPA फंड का दुरुपयोग
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में चिंता जताई है कि CAMPA फंड का उपयोग अनुमोदित गतिविधियों के बजाय किया जा रहा है. विशेष रूप से, आईफोन और लैपटॉप की खरीद के लिए इस फंड का उपयोग करना कोर्ट ने अनुचित ठहराया है. कोर्ट ने संबंधित राज्य के मुख्य सचिव को एक हलफनामा प्रस्तुत करने का आदेश दिया है.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायालय को आश्वस्त किया कि वह अधिकारियों के बीच आंतरिक विवादों को सुलझाने का प्रयास करेंगे. न्यायालय ने कहा, “CAMPA फंड का मुख्य उद्देश्य हरियाली को बढ़ावा देना है. फंड के दुरुपयोग और उसके ब्याज की राशि का जमा न होना एक गंभीर चिंता का विषय है.” न्यायालय ने संबंधित राज्य के मुख्य सचिव को हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.
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क्या था ये पूरा मामला?
जस्टिस गवई ने टिप्पणी की कि आईएएस अधिकारी अक्सर आईपीएस और आईएफएस पर अपनी श्रेष्ठता स्थापित करने का प्रयास करते हैं, और यह उनके सरकारी वकील और न्यायाधीश के अनुभवों पर आधारित है. यह संघर्ष सभी राज्यों में विद्यमान है.
अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि आईपीएस और आईएफएस के बीच इस विषय पर असंतोष है कि एक ही कैडर से होने के बावजूद उन्हें आईएएस की निर्देशों का पालन क्यों करना चाहिए. यह सुनवाई आज एक पर्यावरण से संबंधित मामले में हो रही थी, जिसमें आईएएस अधिकारियों ने वन अधिकारियों को अपने आदेशों का पालन करने का निर्देश दिया था.
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