IDFC Bank Fixed Deposit: निजी क्षेत्र के ऋणदाता आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने सावधि जमा (एफडी) पर ब्याज दरों में बदलाव किया है. इस बदलाव के बाद बैंक में एफडी कराने पर आम नागरिकों को 3.0 फीसदी से लेकर 8.0 फीसदी तक सालाना ब्याज मिलेगा.

वहीं, बैंक सामान्य नागरिकों की तुलना में वरिष्ठ नागरिकों को 0.50% ज्यादा ब्याज दे रहा है. ऐसे में बैंक उन्हें 3.50% से 8.50% तक सालाना ब्याज देगा. 2 करोड़ रुपये से कम की एफडी पर ब्याज दरों में बदलाव किया गया है. नई दरें आज यानी 21 मार्च से लागू हो गई हैं. Read More – 110 बार फेल होने के बाद बना दुनिया का सबसे बड़ा डोसा, लंबाई देख गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज …

एफडी से मिलने वाले ब्याज पर भी टैक्स देना होता है

एफडी से प्राप्त ब्याज पूरी तरह से कर योग्य है. आप एक साल में एफडी पर जो भी ब्याज कमाते हैं वह आपकी सालाना आय में जुड़ जाता है. कुल आय के आधार पर आपका टैक्स स्लैब तय होता है. एफडी पर अर्जित ब्याज आय को “अन्य स्रोतों से आय” माना जाता है.

अगर आपकी आय एक साल में 2.5 लाख रुपये से कम है तो बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट पर टीडीएस नहीं काटता है. हालांकि, इसके लिए आपको फॉर्म 15G या 15H जमा करना होगा. ऐसे में अगर आप टीडीएस बचाना चाहते हैं तो फॉर्म 15जी या 15एच जरूर जमा करें.

यदि सभी एफडी से आपकी ब्याज आय एक वर्ष में 40,000 रुपये से कम है, तो टीडीएस नहीं काटा जाता है. वहीं अगर आपकी ब्याज आय 40,000 रुपये से अधिक है तो 10% टीडीएस काटा जाएगा. पैन कार्ड नहीं देने पर बैंक 20 फीसदी टीडीएस काट सकता है. Read More – Avneet Kaur ने सोशल मीडिया पर फ्लॉन्ट किया अपना Tattoo, फैंस हुए लट्टू …

40,000 रुपये से अधिक की ब्याज आय पर टीडीएस काटने की यह सीमा 60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए है. वहीं, 60 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों की एफडी से 50 हजार रुपये तक की आय टैक्स फ्री है. इससे ज्यादा आय होने पर 10 फीसदी टीडीएस काटा जाता है.

यदि बैंक ने आपकी एफडी आय पर टीडीएस काटा है और आपकी कुल आय आयकर के अधीन नहीं है, तो आप कर दाखिल करते समय काटे गए टीडीएस का दावा कर सकते हैं. यह आपके खाते में जमा कर दिया जाएगा.