बच्चे अक्सर पौष्टिक चीजों को खाने में आनाकानी करते हैं. ऐसे में अभिभावक उनको अलग-अलग तरह से पौष्टिक आहार देने का प्रयास करते हैं. कई बार बच्चे पालक, दाल व अन्य चीज को खाते ही खांसने लगते हैं या उसे मुंह से बाहर निकाल देते हैं. ऐसे में अभिभावक इसे बच्चे का बहाना समझकर नजरअंदाज कर जाते हैं. लेकिन, अगर आपका बच्चा बार-बार चीजों को निगलने की बजाय मुंह से बाहर कर रहा है, तो यह डिस्फेजिया का संकेत हो सकता है. इस समस्या में बच्चे को आहार या अन्य चीजों को निगलने में परेशानी होती है.

ऐसे में बच्चा खाना मुंह से बाहर निकाल देता है या खाना न खाने में आनाकानी करता है. आज हम आपको बताते हैं कि बच्चों को निगलने में समस्या क्यों होती है और इसका इलाज कैसे किया जाता है.

बच्चों को खाना निगलने में परेशानी के कारण

न्यूरोलॉजिक्ल डिसऑर्डर

न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर बच्चों में डिस्फेजिया का मुख्य कारण हो सकता है. सेरेब्रल पाल्सी, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी और मस्तिष्क की चोट जैसी स्थितियां निगलने में शामिल मांसपेशियों और नसों को खराब कर सकती हैं. उदाहरण के लिए, सेरेब्रल पाल्सी मुंह और गले की मांसपेशियों में ऐंठन या कमजोरी कर सकती है.

जन्म से विकार होना

कुछ बच्चों को जन्मजात समस्या के कारण निगलने में समस्या हो सकती है. इसमें ट्रेकिओसोफेजियल फिस्टुला और एसोफेजियल एट्रेसिया को शामिल किया जाता है. इन समस्याओं के चलते बच्चों को निगलने में समस्या हो सकती है.

गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग

GERD की वजह से बच्चों को खाने को निगलने में समस्या हो सकती है. इस स्थिति में पेट का एसिड बार-बार आहारनली में चला जाता है, जिससे जलन और सूजन हो सकती है. क्रोनिक रिफ्लक्स से एसोफैगिटिस व निगलने के दौरान समस्या हो सकती है.

शारीरिक विकास में देरी होना

बच्चे के शारीरिक विकास में देरी या बौद्धिक क्षमता में कमी के कारण बच्चों को डिस्फेजिया की समस्या हो सकती है. इस दौरान बच्चे के आहार निगलने में समस्या हो सकती है. डाउन सिंड्रोम या ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर जैसी स्थितियों वाले बच्चों को आहार निगलने में मुश्किल हो सकती है.

बच्चों को निगलने में समस्या का इलाज कैसे किया जाता है

थेरेपी 

स्पीच लैंग्वेज थेरेपिस्ट बच्चे को आहार निगलने के लिए थेरेपी दे सकते हैं. इसमें आहार को निगलने के लिए शामिल मांसपेशियों को मजबूत किया जाता है. साथ ही, मुंह व जबड़ें के साथ तालमेल स्थापित किया जाता है. इससे जीभ, गले और जबड़े की मांसपेशियां मजबूत होती हैं.

डाइट में बदलाव

बच्चे की डाइट में बदलाव कर डिस्फेजिया के लक्षणों को कम किया जा सकता है. डॉक्टर बच्चों को कुछ समय के लिए तरल पदार्थ या मसले हुआ आहार देते हैं. इससे भोजन को निगलने में आसानी होती है. इससे बच्चे को निगलने में होने वाली समस्या के साथ-साथ पर्याप्त पोषण मिलता है.

मेडिकल इलाज 

जीईआरडी या  एसोफैगिटिस जैसी स्थितियों में एसिड रिफ्लक्स या सूजन को कम करने के लिए दवाएं दी जा सकती हैं. इसके साथ ही, बच्चे के अन्य रोगों को दूर किया जाता है.

सर्जरी 

कुछ मामलों में, शारीरिक समस्याओं को ठीक करने या रुकावटों को दूर करने के लिए सर्जरी की मदद ली जा सकती है. जैसे, सर्जरी से कटे हुए तालु को ठीक किया जा सकता है या ट्रेकिओसोफेगल फिस्टुला को हटाया जा सकता है.