बच्चे शुरुआत में घुटनों के बल पर चलते हैं। फिर धीरे-धीरे पैरों पर खड़े होते हैं और फिर पंजों के बल चलना सीखते हैं। कुछ समय के बाद वे अपने पैरों पर ठीक से खड़े होने के काबिल बनते हैं। यह हर बच्चे के शारीरिक विकास की एक सामान्य प्रक्रिया है, जिससे हर बच्चा गुजरता है। हम-आप भी ऐसे ही बड़े हुए हैं। लेकिन कुछ बच्चों में लंबे समय तक पंजों पर चलने की आदत रहती है, जो कि एक शारीरिक समस्या है। अगर आपका बच्चा 2 साल के बाद भी पंजों के बल पर चलता है यह सामान्य नहीं है। कैसे, पढ़ें इस आर्किटल में।
बच्चों में पंजों के बल चलना कितना सामान्य होता है
शुरू के 2 सालों में बच्चों का पंजों के बल पर चलना सामान्य है, लेकिन इसके बाद अगर वह पंजे के बल ही चलता है तो यह आसामान्य है। ऐसा होने से उसका शारीरिक विकास नहीं होता है। इस स्थिति को नजरअंदाज न करें, तत्काल शिशुरोग विशेषज्ञ से सलाह लें।
एक नहीं कई कारण हैं बच्चों के पंजे के बल चलने के
बच्चों में पंजों के बल चलने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। जैसे- बच्चों में पंजों के बल चलने (टो वॉकिंग) कई बार पैरों की मांसपेशियां टाइट होने के कारण होता है। कुछ मामलों में सेलेब्रल पाल्सी से पीड़ित बच्चों में यह समस्या होती है। कई बार मानसिक स्वास्थ्य में गड़बड़ी के कारण ऐसा होता है।
समस्या को कैसे दूर करें
बच्चों में पंजों के बल पर चलने की आदत को ठीक करने के लिए आपको उन्हें फीजियोथेरेपी करानी चाहिए। इसके लिए आपको बच्चे को पूरे पंजों पर चलने के लिए प्रेरित करते रहना चाहिए। उन्हें टोकना चाहिए। सुधार के लिए कहना चाहिए। खुद का उदाहरण देना चाहिए। ऐसे में बच्चों को एक्सरसाइज कराएं, इससे उनकी मांसपेशियां ठीक होंगी।
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