कोरोना के ताजा आंकड़ों पर नजर डालें तो 7000 से अधिक नए मामलें सामने आए है. इसी बीच डीजीसीए ने बड़ा फैसला लिया है. हवाई यात्रा के लिए नियमों को और कठोर कर दिया है. नियम के मुताबिक, प्लेन के अंदर फेस मास्क पहनना जरुरी है. एयरलाइंस को डिपार्चर से पहले यात्री को डी-बोर्ड करना होगा. नियम का उल्लंघन होने पर यात्री को नो फ्लाइट जोन में भी रखा जा सकता है.

फिर बढ़ रहे कोरोना के मामलें

भारत में कोरोना के मामले फिर तेजी से बढ़ रहे हैं. पिछले 24 घंटे में कोरोना के 7 हजार 240 नए मामलें सामने आए हैं. इसी के साथ 8 लोगों की मौत भी हुई है. ऐसे में बढ़ते कोविड संक्रमण को लेकर विमानन नियामक डीजीसीए (DGCA) ने नए नियम लागू किए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक कोविड की वजह से भारत में अब तक 5 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी है.

प्लेन में मास्क नहीं पहनने पर लगेगा जुर्माना

विमानन नियामक डीजीसीए ने कहा है कि अगर यात्री चेतावनी के बाद भी प्लेन के अंदर फेस मास्क पहनने से इनकार कर देते हैं, तो एयरलाइंस को डिपार्चर से पहले यात्री को डी-बोर्ड करना होगा. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने एक सर्कुलर में कहा कि एयरपोर्ट संचालक स्थानीय पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की मदद ले सकते हैं और फेस मास्क नहीं पहनने वालों पर जुर्माना लगाया जा सकता है.

नियमों का उल्लेघन करना पड़ेगा भारी

सर्कुलर ने 3 जून के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश का पालन किया, जिसमें कहा गया था कि डीजीसीए को एयरपोर्ट और प्लेन में तैनात सभी कर्मचारियों के लिए अलग-अलग निर्देश जारी करने चाहिए. इसमें फ्लाइट अटेंडेंट, एयर होस्टेस, पायलट और अन्य शामिल हैं. अदालत ने कहा था कि नियमों का उल्लंघन करने वाले सभी व्यक्तियों पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए और लगातार चूक करने वालों को नो फ्लाई लिस्ट में रखा जाना चाहिए.

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बुधवार को जारी सर्कुलर में DGCA ने कहा कि एयरलाइंस को यह सुनिश्चित करना होगा कि यात्री उड़ान में ठीक से मास्क पहनें. उन्हें सिर्फ असाधारण परिस्थितियों में ही मास्क हटाने की अनुमति दी जाए. डीजीसीए के नियम एयरलाइंस को यात्रियों को ‘Unruly’ घोषित किए जाने के बाद एक निश्चित अवधि के लिए प्रतिबंधित करने का अधिकार देते हैं.

इसमें कहा गया है कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) और एयरपोर्ट के एंट्री द्वार पर तैनात अन्य पुलिस कर्मियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी को भी बिना मास्क पहने परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाए.