Lok Sabha Electoral Reforms Debate : संसद के चालू शीतकालीन सत्र के सातवें दिन आज लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा हो रही है. संसद के निचले सदन में हो रही इस बड़ी डिबेट में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण से लेकर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम की विश्वसनीयता और राजनीतिक दलों को मिलने वाले गुमनाम चंदे तक, हर पहलू पर बात हो रही है. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इस चर्चा की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि SIR का कानूनी अधिकार चुनाव आयोग के पास नहीं है, लेकिन फिर भी अगर आप ऐसा कर रहे हैं तो मशीन रिडेबल लिस्ट क्यों नहीं दे देते.
वहीं जेडीयू सांसद ललन सिंह ने कहा कि, डॉ. मनमोहन सिंह 10 साल तक सरकार चला रहे थे, इसी ईवीएम से. जनता ने आपको 10 साल सत्ता में बैठा दिया तो ईवीएम ठीक. जनता आपको स्वीकार नहीं कर रही तो ईवीएम गलत है. बैलट बूथ लूटने का हथकंडा था, जिसे चुनाव आयोग ने हटा दिया. आप बंगाल, हिमाचल, तेलंगाना, कर्नाटक जीत जाते हैं तो ईवीएम सही है. जैसे ही महाराष्ट्र, हरियाणा.
ललन सिंह ने कहा कि बिहार में नतीजा आने से पहले ही शपथग्रहण की तारीख बता दिया था. उनका क्या हश्र हुआ, लोगों ने देख लिया. जहां-जहां गए, 20 जिलों की यात्रा की, वहां-वहां साफ हो गए. उन्होंने राहुल गांधी पर तंज करते हुए कहा कि पहले संविधान की किताब लेकर घूमते थे. आजकल नहीं दिखा रहे, क्योंकि संविधान के खिलाफ काम कर रहे हैं. कांग्रेस पार्टी संविधान के खिलाफ काम करती है. करुणानिधि भी जेल गए थे. हम लोग की सलाह है कि आप लोग भी कांग्रेस का साथ छोड़िए. हमारी चुनाव प्रक्रिया सर्वश्रेष्ठ है, इसमें किसी सुधार की जरूरत नहीं है.
कांग्रेस तेलंगाना जीती, किसी ने नहीं की वोट चोरी की बात- टीडीपी
लोकसभा में टीडीपी के फ्लोर लीडर लवू श्रीकृष्ण देवरायलू ने कहा कि कांग्रेस जब तेलंगाना में जीती, किसी ने वोट चोरी की बात नहीं की. कांग्रेस जब कर्नाटक में जीती, तब किसी ने ईवीएम पर सवाल नहीं उठाए. यह सवाल तब उठे, जब कांग्रेस को हरियाणा और महाराष्ट्र में बड़ी हार मिली. उन्होंने एक समाचार पत्र के पहले पन्ने पर छपा आर्टिकल दिखाया और कहा कि इस रिपोर्ट में स्पष्ट है कि जिन क्षेत्रों में ज्यादा वोट काटे गए हैं, वहां भी एनडीए को ज्यादा सीटों पर जीत नहीं मिली है. वोटर बिहैवियर को लेकर कुछ भी निश्चित नहीं कहा जा सकता. देवरायलु ने यह डिमांड भी की है कि देश, राज्य, लोकल बॉडी चुनाव के लिए एक वोटर लिस्ट हो. बीएलओ की कैपेसिटी बिल्डिंग की जाए. बूथ लेवल पर एजेंट्स की सहभागिता बढ़ाई जाए और पारदर्शिता भी.
मनीष तिवारी ने की पेपर बैलट से चुनाव कराने की मांग
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में ईवीएम को लेकर कहा कि लोगों के मन में यह शंका है कि क्या ईवीएम मैनुपुलेट किया जा सकता है. इस शंका को दूर करने के दो ही तरीके हैं, एक ये कि सौ फीसदी वीवीपैट हों या दूसरा पेपर बैलट से चुनाव हों. सरकार को पहले तो यह बताना चाहिए कि ईवीएम का सोर्स कोड किसके पास है. यह चुनाव आयोग के पास है या उन कंपनियों के पास है. मनीष तिवारी ने चुनाव के समय पैसा लोगों के खाते में भेजे जाने पर भी सवाल उठाए और कहा कि यह लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ है. यह भारत सरकार के राजस्व के साथ भी खिलवाड़ है.
उन्होंने केंद्र से लेकर राज्यों तक, सरकारों की देनदारियों के आंकड़े गिनाए और कहा कि संसद को लिमिट तय करनी चाहिए. एक आर्टिकल जोड़कर यह प्रस्ताव करना चाहिए कि जिसका जीडीपी रेशियो 20 फीसदी से ज्यादा है. वह सरकार कोई कैश ट्रांसफर नहीं कर सकती. इसे बहुत गंभीरता से सदन को अपने संज्ञान में लेना चाहिए. नहीं तो कोई राज्य सरकार बदलेगी ही नहीं. आपके सूबे का कर्जा और ऊपर चढ़ता जाएगा. यह किस तरह का देश बना रहे हैं आप. ये चुनाव जीतना, ये सरकार बनाना… हमसे पहले बहुत लोग आए, बाद में भी आएंगे. हम किस तरह का देश छोड़ना चाहते हैं.
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