रायपुर. माना कि चुनौती बड़ी थी, हमारी टीम भी कहां शांत खड़ी थी. रास्ते अगर चट्टानी थे, तो इरादे हमारे फौलादी थे. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का यह ट्वीट मासूम राहुल साहू के रेस्क्यू ऑपरेशन की कठिनाइयों को बयां करने के लिए काफी है.

104 घंटे के अथक परिश्रम और नाउम्मीद हुए लगातार प्रयास का परिणाम रहा कि जांजगीर जिले के पिहरीद में बोरवेल के गड्ढे में गिरे मासूम राहुल को बेहद चट्टानी भौगोलिक संरचना और विपरीत मौसम के बावजूद बोरवेल से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. मुख्यमंत्री बघेल ने राहुल के सफल रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर कहा कि सभी की दुआओं और रेस्क्यू टीम के अथक, समर्पित प्रयासों से राहुल साहू को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है.

बोरवेल में फंसे राहुल को बचाने के लिए रेस्क्यू दल ने हर बार कड़ी चुनौतियों का सामना किया. राहुल के रेस्क्यू में बड़े-बड़े चट्टान बाधा बनकर काम को आगे बढ़ाने में रोड़ा अटकाते रहे. इस बीच रेस्क्यू टीम को हर बार अपनी रणनीति बदलने के साथ नयी-नयी चुनौतियों से जूझना पड़ा. सुरंग खोदने के लिए मशीनें बदलनी पड़ीं.

चट्टानों की वजह से ही 5 दिन लगे
65 फीट गहराई में जाकर हॉरिजेंटल सुरंग तैयार करने और राहुल तक पहुंचने में सिर्फ चट्टानों की वजह से ही 5 दिन लग गए. रेस्क्यू टीम को भारी गर्मी और उमस के बीच कभी झुककर तो कभी लेटकर सिर्फ टॉर्च की रोशनी में काम करना पड़ा. इसके बावजूद अभियान न तो रुका, न ही जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहे राहुल ने हार मानी.

बचाव दल ने समझदारी और साहस से काम किया
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बोरवेल में फंसे मासूम राहुल को सुरक्षित बाहर निकाल लिए जाने के तत्काल बाद समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन को पहले ही निर्देश दिए हुए थे. रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे बचाव दल ने पूरे धैर्य, समझदारी और साहस से लक्ष्य के लिए काम करते हुए 104 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद राहुल को बोरवेल से बाहर निकाल लिया.

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कैमरे से की पल-पल की निगरानी
जब तक बोल व सुन पाने में अक्षम 11 वर्षीय राहुल बोरवेल के भीतर फंसा रहा, तब तक राहुल के लिए भीतर ऑक्सीजन की व्यवस्था कर उस तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचाया जाता रहा. वहीं विशेष कैमरे की मदद से राहुल के गतिविधियों को लेकर पल-पल की निगरानी की जाती रही. बहरहाल मासूस की जिंदगी को बचाने में सफल रहने पर बचाव दल समेत राहुल के लिए प्रार्थना करने वाले हर शख्स ने राहत की सांस ली है.