अगर कुंडली में शनि की साढ़ेसाती, राहु-केतु का कालसर्प योग या कोई ग्रहदोष चल रहा है, तो 2025 की जन्माष्टमी आपके लिए एक बड़ा समाधान लेकर आ रही है. इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी शनिवार, 16 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी. अष्टमी तिथि 15 अगस्त रात 11:49 बजे से शुरू होकर 16 अगस्त रात 9:34 बजे तक रहेगी और मध्यरात्रि पूजा का मुहूर्त 12:04 AM से 12:47 AM तक रहेगा.

ज्योतिष शास्त्र कहता है कि भगवान श्रीकृष्ण काल के अधिपति हैं. इसलिए जन्माष्टमी व्रत रखने से कालग्रहों का प्रभाव जैसे राहु-केतु की वक्री दृष्टि, कालसर्प योग, शनि की साढ़ेसाती और ढैया – शांत होने लगते हैं. ये ग्रह मानसिक तनाव, कोर्ट-कचहरी, करियर में रुकावट और पारिवारिक कलह के पीछे मुख्य रूप से जिम्मेदार माने जाते हैं. जिनकी कुंडली में बार-बार समस्याएं आ रही हैं, चाहे नौकरी में अड़चन हो या वैवाहिक जीवन में खटास वे इस जन्माष्टमी व्रत को गंभीरता से लें. ये केवल एक पूजा नहीं, आपके जीवन की बाधाएं हटाने का ज्योतिषीय उपाय भी है.

कैसे करें व्रत?

सुबह स्नान कर निर्जल या फलाहारी व्रत रखें. दिनभर श्रीकृष्ण मंत्र का जाप करें: “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”. रात्रि 12:00 बजे झूला झुलाएं, अभिषेक करें और आरती के साथ जन्मोत्सव मनाएं.