अजयारविंद नामदेव, शहडोल। मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर जारी विवाद के बीच चुनाव प्रक्रिया जारी है। प्रदेश में जहां चुनाव हो रहे हैं वहां के कई गांवों के ग्रामीण विकास नहीं तो वोट नहीं के नाम पर चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दे रहे हैं। ग्रामीणों की चेतावनी के बाद प्रशासन भी सजग हो गया है। जिले के एक गांव में ग्रामीणों के चुनाव बहिष्कार की मंशा पर प्रशासन ने ही पानी फेर दिया। नामांकन वापसी के दिन और निर्धारित समय तक अधिकारी ने एकमात्र अभ्यर्थी को अपना पास बैठाए रखा जिससे ग्रामीणों द्वारा चुनाव बहिष्कार और नामांकन फार्म वापस लेने का प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। अब ग्रामीण प्रशासन पर ही नाम वापस लेने में रोड़ा बनने का आरोप लगा रहे हैं।

बता दें कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रथम चरण में नामांकन वापसी की आज अंतिम तिथि थी। नाम वापसी के लिए दोपहर तीन बजे तक का समय निर्धारित थी। ताजा मामला जिले के बुढ़ार जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम रामपुर का है, जहां के ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार की चेतावनी दी थी। ग्रामीणों का आरोप है कि उनके गांव में किसी भी तरह का विकास कार्य नहीं हुआ है, इसलिये वे वोटिंग नहीं करेंगे। दूसरी तरफ गांव से सरपंच पद के लिये दाखिल एकमात्र नामांकन की वापसी पर भी ग्रामीण भूपेश शर्मा एवं अन्य ने आरोप लगाया है।

ग्रामीणों ने कहा है कि तीन बजे तक नामांकन वापस लेना था, लेकिन प्रशासन ने अभ्यार्थी प्रमोद बैगा को अपने पास बैठा लिया, जिससे वह नामांकन वापस नहीं ले सका। इससे ग्रामीणों की चुनाव बहिष्कार की मंशा पर पानी फिर गया। वहीं दूसरी तरफ प्रशासन नें स्पष्ट किया कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। गांव की समस्याओं का आने वाले समय में दूर किया जायेगा और वहां चुनाव भी संपन्न होगा।

सहायक निवार्चन अधिकारी (तहसीलदार, बुढ़ार) मीनाक्षी बंजारे ने बताया कि एक अभ्यर्थी का नामांकन फार्म सही पाया गया है। नियमत: वह निर्विरोध निर्वाचित होगा, किंतु अभी अधिकृत घोषणा नहीं हुई है। नियमानुसार घोषणा की जाएगी।

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