नई दिल्ली। बेटी के माता-पिता के लिए बड़ी खुशखबरी है. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल यानि सीबीएसई ने घोषणा की है कि परिवार में अगर एक बच्ची है, तो उसकी शिक्षा निःशुल्क और अगर 2 बच्चियां हैं, तो उनमें से दूसरी बच्ची की सिर्फ 50 फीसदी फीस ही ली जा सकेगी.
इस सुविधा को पाने के लिए छात्रा का प्रवेश क्लास वन या फिर छठी क्लास से एडमिशन अनिवार्य है. सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में आदेश का क्रियान्वय शुरू हो गया है. लेकिन निजी स्कूलों के संचालकों को जिला शिक्षा अधिकारी दफ्तर से आने वाले आदेश का इंतजार है.
करीब 10 दिन पहले सीबीएसई ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को और मजबूत करने के लिए बच्ची का प्रवेश पहली और छठवीं कक्षा में करने पर ये सुविधा दी है.
ऐसे मिलेगा फायदा
- अभिभावकों को स्कूल में एक या दो बेटी होने का शपथपत्र देना होगा
- शपथपत्र में जिला मजिस्ट्रेट का हस्ताक्षर होना अनिवार्य होगा
- शपथपत्र कलेक्टोरेट में ही बनेगा
- एक बेटी की शिक्षा को निःशुल्क और 2 बच्ची होने पर एक की पढ़ाई में आधा शुल्क लेने का आदेश जारी किया है. सीबीएसई ने अपने विभागीय वेबसाइट पर इस आदेश को अपलोड भी कर दिया गया है.
इसके अलावा सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को भी सर्कुलर जारी किया जा रहा है. अब डीईओ सभी स्कूलों को इस आदेश को अनिवार्य रूप से लागू करने का अंतिम आदेश देंगे. ये व्यवस्था केंद्रीय विद्यालयों में भी लागू होगी.
हालांकि स्कूल आने-जाने के लिए बस सुविधा और स्कूल के मेस की फीस ऐसे बच्चियों के पालकों को जमा कराना होगा. इसके लिए निर्धारित नियमों के तहत जरूरी दस्तावेज देना अनिवार्य है. अगर किसी अभिभावक को एक बेटा और बेटी है, तो उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा.
2008 में केंद्र सरकार ने योजना लागू किया था
केंद्र सरकार ने इस योजना को 2008 में लागू किया था. देश के दूसरे हिस्सों में चलने वाले सीबीएसई पैटर्न के स्कूलों में ये योजना अनिवार्य थी, लेकिन निजी स्कूलों के लिए ये फैसला उनेक स्वविवेक पर छोड़ दिया गया था. जिसके कारण किसी प्राइवेट स्कूल ने इसका लाभ बच्चियों को नहीं दिया. लेकिन अब सर्कुलर जारी होने से ये सभी स्कूलों में अनिवार्य हो जाएगी. इसका पालन करना है.