First Aid Kit : छोटे बच्चे अक्सर खेलते-कूदते हुए चोट-मोच लगाते रहते हैं. बच्चों को आप शरारत करने से नहीं रोक सकते हैं. आमतौर पर हर बच्चे हर काम को खुद से करके ही सीखते हैं, इसलिए अक्सर छोटे बच्चे खुद को जलाते-गिराते रहते हैं. जिससे मां-बाप की परेशानी बढ़ जाती है. कई बार सही समय पर इलाज न मिल पाने के कारण छोटे-छोटे हादसे गंभीर रूप ले लेते हैं. इसी लिए घर के First Aid Kit में कुछ जरूरी चीजें जरूर होनी चाहिए. इसके साथ ही मौसम बदलने से सर्दी जुकाम या कभी दस्त की प्रॉब्लम भी छोटे बच्चों को हो जाती है.

इसलिए आपके घर में एक प्राथमिक उपचार की छोटी-छोटी चीजें (First Aid Kit) जरूर होनी चाहिए. आपके घर में छोटा बच्चा है, जो खूब शरारतें करता है, तो आप भी अपने घर में ये चीजें जरूर रखें. ताकि कोई भी इमरजेंसी की स्थिति बनने पर आप बच्चे का शुरुआती उपचार कर सकें. Read More – T20 World Cup 2022 : आज आयरलैंड से भिड़ेगी ऑस्ट्रेलिया, जानिए कैसा रहेगा मौसम…

थर्मामीटर

बच्‍चों को बहुत जल्‍दी सर्दी जुकाम होता रहता है. बुखार में शरीर का तापमान जांचने के लिए थर्मामीटर की जरूरत पड़ती है. अपने घर में थर्मामीटर जरूर रखें. छोटे बच्चों को जब भी बुखार लगे तो उन्हे दवाई देने से पहले उनका तापमान जरूर check करें.

एंटीसेप्टिक क्रीम

कभी-कभी गलती से बच्‍चों का हाथ या पैर जल जाता है. अगर थोड़ा सा ही जला है तो उस पर 5 मिनट के लिए ठंडा पानी डालें और फिर अच्छी तरह सुखा कर इसके बाद बोरोप्‍लस, बरनोल जैसी एंटीसेप्टिक क्रीम लगाएं. इसके अलावा छोटे बच्चे जब चलना शुरू करते हैं तो कई बार गिरते हैं, ऐसे में हाथ पैर में चोट लगती ही रहती है इसलिए एंटीसेप्टिक क्रीम होना बहुत जरूरी है.

वॉटरप्रूफ बैंडेज

कई बार बच्‍चे गिर जाते हैं इसलिए घर में बैंडेज जरूर रखें. छोटी-मोटी चोट या इंफेक्‍शन से बचने के लिए अपने घर में बैंडेज रखना जरूरी है. अक्सर खेलते हुए बच्‍चों को चोट लग जाती ह. ऐसे समय पर बैंडेज बहुत काम आती है. बच्‍चों के लिए वॉटरप्रूफ बैंडेज रखें.

आइस पैक

सूजन को रोकने और राहत देने के लिए बर्फ या जेल पैक. यदि शिशु गिर जाता है और खुद को चोट पहुंचाता है, तो एक आइस पैक दर्द को कम कर सकता है और उस एरिया में आने वाली सूजन को कम कर सकता है. आइस पैक को फ्रिज में रखा जा सकता है. Read More – Train Cancelled : रेलवे ने आज 87 ट्रेनों को किया रद्द, कहीं आपकी ट्रेन भी इसमें शामिल तो नहीं, ऐसे करें चेक…

ओआरएस सॉल्यूशन

बेबी फर्स्ट एड किट में ओआरएस पाउडर का सैशे रखना ना भूलें. यह डायरिया या डिहायड्रेशन होने पर काम आता है. अगर बच्चा फॉर्मूला मिल्क ले रहा है तो उसमें ब्रेस्टफीड करने वाले बच्चे की तुलना में पेट में कीड़े होने या स्टमक अपसेट होने की संभावना ज्यादा होती है. इसके अलावा जब बच्चों के दांत निकलते हैं तब भी उन्हे दस्त की समस्या होती है.

कफ सिरप

शिशुओं में कफ की समस्या बेहद आम है. थोड़ा सा मौसम में बदलाव आते ही बच्चों को सर्दी खासी हो जाती है. ऐसे में बेबी फर्स्ट एड किट में कफ सिरप होना जरूरी है. बच्चे के डॉक्टर की सलाह पर आप कफ सिरप फर्स्ट एड किट में रखें ताकि जरूरत पड़ने पर मार्केट न दौड़ना पड़े.

इंसेक्ट रेपेलेंट

बच्चों को अक्सर कीड़े, मकोड़े या मच्छर काटने का खतरा होता है. ऐसे में बेबी फर्स्ट एड किट में इंसेक्ट रेपेलेंट का होना बहुत जरूरी है. इसके बारे में फार्मासिस्ट से पूछें वह Baby के लिए सुटेबल प्रोडक्ट आपको दे देगा.