रायपुर – कोरोनावायरस के संक्रमण की चपेट में आए कई मरीज बिना लक्षण या कम लक्षण वाले हैं, उनका इलाज घर पर ही चिकित्सकों की निगरानी में किया जा रहा है। इलाज प्रक्रिया और इलाज की अवधि को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल उपज रहे हैं। इन्हीं सवालों के जवाब और दवाईयां नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त प्रयास से घर-घर तक पहुंचाया जा रहा है। साथ ही चिकित्सक मरीजों से होमआइसोलेशन नियमों का पालन सख्ती से करने की अपील भी कर रहे हैं।

होम आइसोलेशन वाले मरीज अपने चिकित्सकों से कई तरह के सवाल फोन के माध्यम से पूछ रहे हैं। इस दौरान आइसोलेशन वाले मरीजों द्वारा पूछे जाने वालों सवालों पर चर्चा कर अब दवाओं के साथ-साथ ऐसे मरीजों को सामान्य प्रश्न और उत्तर भी दिए जा रहें हैं। चिकित्सकों का मानना है इससे मरीजों को ना तो इलाज को लेकर चिंता सताएगी और ना ही उन्हें बेवजह परेशानी होगी।

रखें सावधानी- होम आईसोलेशन डि्यूटी में कार्यरत चिकित्सक डॉक्टर निलय मोझरकर ने बताया होम आइसोलशन वाले मरीजों को वाट्सऐप के जरिए सलाह दे रहे हैं जैसे- रैपि़ड एंटीजेन या आऱटीपीसीआर टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद मरीज होम आईसोलेशन की सुविधा चुन सकता है, पॉजिटिव आने वाले दिन से कुल 17 दिनों तक आइसोलेशऩ में रहना है, अलग कमरा, अगल शौचालय का होना अति आवश्यक है, थर्मामीटर व पल्सऑक्सीमीटर घर में रखना अनिवार्य है, थर्मामीटर से तापमान और पल्स ऑक्सीमीटर से दिल की धड़कन को दिन में दो बार मापना जरूरी है, आखिरी 7 दिन में कोई लक्षण नहीं है तो दोबारा टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है, लेकिन लक्षण है तो डॉक्टर से बात कर जांच की सलाह लें, खाने में गर्म और ताजा भोजन, ताजे फल-सब्जियां नियमित रूप से लें, काढ़ा या अन्य पेय भी ले सकते हैं, पांच दिन दी गई दवाओं का सेवन करने के पश्चात हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन बंद करके सिर्फ जिंक और विटामिन सी ही डॉक्टरी सलाह पर लेनी चाहिए।

दिखे यह लक्षण तो भर्ती होने की जरूरत– डॉक्टर निलय मोझरकर ने बताया यदि सांस की रफ्तार सामान्य से तेज हो, पल्सरेट 120 से ऊपर 94 नीचे आए, सांस लेने में कठिनाई, सीने में लगातार दर्द या दबाव, होंठ या चेहरे का नीला पड़ना,तो फौरन इलाज कर रहे चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। साथ ही बुखार लगातार कम ना हो रहा हो, तेज खांसी और सांस लेने में बहुंत ही परेशानी हो रही हो तो भी सतर्कता और चिकित्सकीय सहायता जरूरी है।

घर वालें रखें ध्यान– कोरोनावायरस संक्रमित मरीज के साथ रहने वाले व्यक्तियों को भी जरूरी सावधानियां रखनी होती है। हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन गोली 400 एमजी सुबह और शाम हफ्ते में एक दिन लेना चाहिए। संक्रमित मरीज को खाना या अन्य सामग्री पहुंचाते वक्त मास्क पहनना अनिवार्य है। साथ ही हाथ लिक्वि़ड सोप से धोना भी जरूरी है। घर के बच्चों और बुजुर्गों को होम आइसोलेशन वाले मरीज के संपर्क में नहीं आने देना है।

पल्स ऑक्सीमीटर का उपयोग ऐसे करें – चिकित्सक निलय मोझरकर के मुताबिक घर में इलाजरत कोरोनावायरस संक्रमित मरीजों को पल्स ऑक्सीमीटर के उपयोग की जानकारी भी व्हाट्सऐप के जरिए दी जा रही है। अपनी तर्जनी उंगली ( इंडेक्स फिंगर) में पल्स ऑक्सीमीटर को लगाकर उसका बटन ऑन करें, इसके बाद एक मिनट पल्सऑक्सीमीटर को उंगली में लगाकर रखें और दिल की धड़कन मापें। यदि रीडिंग कम आती है तो घबराएं नहीं, यही प्रक्रिया पुनः दोहराएं। बार-बार यदि रिडिंग कम आए और मरीज को सांस लेने में दिक्कत या अन्य कठिनाईयां हो तो इसे देखते हुए भर्ती की सलाह ली जा सकती है।

होम आइसोलेशन के नियम– संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ की ओर से होम आईसोलेशन मानक संचालन प्रक्रिया के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। होम आईसोलेशन का चयन करने वाले मरीज को जिले के कंट्रोल रूम में तैनात नोडल अधिकारी को मोबाईल द्वारा अपने होम आईसोलेशन में होने की जानकारी देनी होगी, कंट्रोल रूम या नो़डल अधिकारी द्वारा मरीज के मोबाइल में अंडरटेकिंग फार्म, चिकित्सकीय सहमति फार्म अटेंडेंट एवं अटेंडेंट के लिए दी जाने वाली किट हेतु अपनी सहमति प्रदान करने के लिए प्रपत्र भेजा जाएगा। इस प्रपत्र को मरीज द्वारा डाउनलोड करके पूर्ण रूप से भरकर सीएमएचओ कंट्रोल रूम को व्हाट्सएप्प करना होगा, प्रत्येक मरीज को होम आईसोलेशन के दौरान अपने स्वास्थ्य की जानकारी प्रतिदिन शाम को व्हाट्सएप्प के माध्यम से कंट्रोल रूम या चिकित्सक को देनी होगी, आकस्मिक अवस्था की सूचना चिकित्सक को देनी होगी। छोटे बच्चों को पॉजिटिव आने पर मां के साथ या परिजन के साथ होम आईसोलेशन में रखना होगा, गर्भवती महिलाओं को होम आईसोलेशन की पात्रता उनके स्वास्थ्य की स्थिति के आधार पर दी जाएगी।