पुरुषोत्तम पात्रा, गरियाबंद. यदि आप छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिला जाना चाहते हैं तो इस खबर को जरूर पढ़ें. क्योकि हो सकता है कि आप वहा घूमने जायें और वहां से एक गंभीर बीमारी लेकर आएं. जी हां यह सच है कि आज जिला गरियाबंद के कुछ गांव किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. इन गांवों के ज्यदातर लोग किडनी की बीमारी से परेशान हैं. यहा तक की इस किडनी की बीमारी के चलते अब तक कई लोगो की जान भी जा चुकी है. सरकार का दावा है कि गांव में फैली इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं लेकिन उसके बाद भी इन गांवों में किडनी के मरीजों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. इतना ही नहीं अब इस बीमारी ने आस पास के कुछ और गांवों को भी अपनी चपेट में ले लिया है.
हम बात कर रहे हैं गरियाबंद के सुपेबेड़ा और उसके आसपास के गांवों की. अब तक सुपेबेड़ा गांव ही किडनी की बीमारी से ग्रसित था लेकिन अब यह बीमारी सुपेबेड़ा से निकलकर आस पास के लगभग आधा दर्जन गांवों में फैल गई है. जिसकी पुष्टि खुद स्वास्थ्य विभाग भी कर रहा है. देवभोग के बीएमओ डॉ सुनील भारती ने 5 और गांव में किडनी के मरीजों के मिलने की बात कही है. भारती ने बताया कि परेवापानी, ठिरलीगुडा, खोखसरा, सागौनबाडी और निष्ठीगुडा गॉव में भी किडनी के मरीज मिले हैं. विभाग ने 29 नवंबर से 10 दिसंबर तक इन गांवों में कुछ मरीजों के सैंपल लिये थे. जिसमें से कई मरीज पॉजीटिव पाये गये हैं. सबसे ताज्जुब की बात तो ये है कि दो महीने से स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी है लेकिन इसके बावजूद अब तक इन गांवों में किडनी के मरीजों के उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई ठोस पहल तक शुरु नहीं की गयी है.
जिन गांवो में पॉजीटिव मरीज पाये गये हैं वहां की विस्तृत जानकारी…
क्रमांक गांव का नाम सैंपलो की संख्या पॉजीटिव मरीजों की संख्या
(1) परेवापानी 12 5
(2) ठिरलीगुडा 14 4
(3) खोखसरा 09 3
(4) सागौनबाडी 14 1
(5) निष्ठीगुडा 37 5