देश में मछली पालन का चलन तेजी से बढ़ रहा है. इससे उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है. खास बात यह है कि सरकार भी किसानों को मछली पालन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इसके लिए उन्हें सब्सिडी दी जा रही है. लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में मछुआरों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है. क्योंकि उन्हें मछली पालन के वैज्ञानिक तरीकों की जानकारी नहीं है. लेकिन अब उन किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. आज हम मछली पालन के बेहतरीन तरीकों के बारे में बताएंगे। जिसको अपनाने के बाद अपनी भी बंपर कमाई होगी.
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर मछली पालन में अधिक मुनाफा कमाना है तो हमेशा मिश्रित मछली रखनी चाहिए. इसका मतलब यह है कि एक ही तालाब में मछलियों की कई प्रजातियों को एक साथ पाला जाना चाहिए. यदि आप देशी प्रजाति की मछलियाँ रखना चाहते हैं तो कतला मछली, रोहू मछली और मृगल प्रजाति की मछलियाँ आपके लिए बेहतर रहेंगी. ये वो मछलियाँ हैं जो आपस में आसानी से रह लेती हैं। साथ ही उनके बीच खाने को लेकर भी कोई झगड़ा नहीं होता है. यही कारण है कि उनका विकास तेजी से होता है.
अगर आप विदेशी प्रजाति की मछलियां रखना चाहते हैं तो तालाब में सिल्वर कार्प, ग्रास कार्प और कॉमन कार्प को एक साथ रख सकते हैं. इन मछलियों की बाजार में भी काफी मांग है. इसके अलावा इन मछलियों की बाजार कीमत भी अच्छी है. इसलिए इसे फॉलो करने पर बंपर कमाई होगी. विशेषज्ञों के मुताबिक बंपर उत्पादन के लिए किसानों को सबसे पहले मछली के बीज को तालाब में छोड़ते समय एक पॉलिथीन पैकेट में पानी और ऑक्सीजन भर लेना चाहिए. फिर पोटली को तालाब में रख दें. इसके बाद पैकेट में तालाब का पानी डालें.
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