रायपुर. प्रदेश में आये दिन कर्ज के चलते किसान आत्महत्या के मामले देखने को मिलते रहे है. कभी ये किसान प्रकृति की मार के चलते आत्महत्या कर रहे है. तो कभी शासन-प्रशासन की लापवाही के चलते कर्ज में डूबकर ऐसा कदम उठाने को मजबूर हो रहे है. लेकिन बार-बार ऐसी घटना होने के बाद भी शासन प्रशासन सबक नहीं ले रहा है, और बाद में दोबारा ऐसी ही घटना की पुनरावृत्ति का इंतजार करता नजर आता है.
ऐसा ही एक मामला धमतरी के चंदना गांव में भी देखने को मिला है. हालाकि इस मामले में किसान ने कर्ज के बोझ के चलते आत्महत्या जैसा कदम तो नहीं उठाया है, लेकिन व्यवस्था की लापरवाही का खामिया वो लभगभ दो महिने से भुगत रहा है.
ग्राम चंदना निवासी रामप्यारी का कहना है कि उसने खेती किसानी के लिए देना बैंक से 32 हजार रूपये का कर्ज लिया था. उस पैसे को देना बैंक की मगरलोड स्थित भेण्डरी शाखा के खाता क्रमांक 176610039338 में 14 सितम्बर 2017 को यह सोचकर जमा किया था कि खेती-किसानी के लिए जरूरत के समय वह पैसा उसके काम आयेगा. पैसा जमा करने की बैक ने किसान बकायदा रसीद भी दी है. लेकिन उसके बाद से लेकर आज तक इस किसान के खाते में यह पैसा जमा नहीं हुआ.
पैसा खाते में जमा न होने कि शिकायत किसान ने बैंक प्रबंधन से लेकर सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों को मौखिक और लिखित रूप में की है. जिसके बाद भी उसके खाते में अब तक पैसे नहीं जमा हुए. अब रामप्यारी ने आरबीआई भोपाल को पत्र लिखकर इस बात की शिकायत की है और मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसके खाते मे 32 हजार रूपये जमा कराने की मांग की है .