नई दिल्ली। भारत में स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक चिप निर्माण में देश के कई उच्च शिक्षण संस्थानों को शामिल किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में देश भर के 100 शैक्षणिक संस्थानों, अनुसंधान एवं विकास संगठनों, स्टार्ट-अप और एमएसएमई से आवेदन पत्र आमंत्रित किए हैं। जिन शैक्षणिक संस्थानों को चिप्स टू स्टार्टअप कार्यक्रम में भागीदार बनाया जा रहा है, उनमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान यानी आईआईटी, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) , भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान-आईआईआईटी, सरकारी और निजी कॉलेज शामिल हैं।

इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के मुताबिक स्टार्टअप और एमएसएमई भी शैक्षणिक संस्थान-उद्योग सहयोगी परियोजना, ग्रैंड चैलेंज, हैकाथॉन, आरएफपी के अंतर्गत सिस्टम, एसओसी आईपी कोर के विकास के लिए अपने प्रस्ताव पेश करके कार्यक्रम में भाग ले सकते हैं।

इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का कहना है कि भारत को अगले सेमीकंडक्टर के बड़े केंद्र के रूप में बदलने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की योजना के अनुरूप, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने अपने चिप्स टू स्टार्टअप (सी2एस) कार्यक्रम के अंतर्गत इन 100 शैक्षणिक संस्थानों, अनुसंधान एवं विकास संगठनों, स्टार्ट-अप और एमएसएमई से आवेदन पत्र आमंत्रित किए हैं।

चिप्स टू स्टार्टअप (सी2एस) कार्यक्रम का उद्देश्य बहुत बड़े पैमाने पर एकीकरण (वीएलएसआई) और एम्बेडेड सिस्टम डिजाइन के क्षेत्र में 85,000 उच्च गुणवत्ता वाले और योग्य इंजीनियरों को प्रशिक्षित करना है।

साथ ही अगले 5 वर्षों की अवधि में 175 एएसआईसी (एप्लिकेशन स्पेसिफिक इंटीग्रेटेड सर्किट), 20 सिस्टम ऑन चिप्स (एसओसी) और आईपी कोर रिपोजिटरी के वकिर्ंग प्रोटोटाइप का विकास करना है।

यह ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और अनुसंधान स्तर पर एसओसी सिस्टम स्तरीय डिजाइन की संस्कृति को विकसित करके इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्च रिंग (ईएसडीएम) स्पेस में छलांग लगाने की दिशा में एक कदम होगा। यह काल्पनिक डिजाइन में शामिल स्टार्ट-अप के विकास के लिए प्रेरक के रूप में भी कार्य करेगा।

कार्यक्रम के अंतर्गत, संस्थानों की विशेषज्ञता, प्रौद्योगिकी तत्परता स्तर और पहले के एसएमडीपी कार्यक्रमों के दौरान प्राप्त डिजाइन अनुभव के आधार पर, तीन अलग-अलग श्रेणियों में प्रस्ताव आमंत्रित किए जाते हैं।

इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत काम कर रही सी-डैक (सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग) एक वैज्ञानिक समिति है, जो कार्यक्रम के लिए नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगी। चिप्स टू स्टार्टअप (सी2एस) वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन 31 जनवरी, 2022 तक भेजे जा सकते हैं।

परियोजना प्रस्तावों को पोर्टल पर निर्धारित प्रारूप में सी2एस पोर्टल पर प्रस्तुत किया जाना चाहिए। कार्यक्रम के अंतर्गत आवेदन करने वाले संस्थानों को पोर्टल पर परिभाषित पात्रता मानदंडों को पूरा करना आवश्यक है और प्रस्तावों के दिशानिदेशरें के अनुरूप होना चाहिए।