पुरूषोत्तम पात्र, गरियाबंद. सीतानदी उदंती अभयारण्य में अवैध कटाई व अतिक्रमण के मामले में 10 आरोपियों को जेल भेज दिया गया. वहीं इंदागांव रेंजर, डिप्टी रेंजर व फारेस्ट गार्ड को निलंबित कर दिया गया है. देवझरन की सच्चाई जानने रविवार को उच्चस्तरीय जांच दल पहुंचेगी.
उप संचालक आरके रायस्त ने बताया कि शुक्रवार को 4 रेंज के 36 कर्मियों के साथ वे दक्षिण अभ्यारण्य के कोर जोन पर पहुंचे. जहां पर 10 अतिक्रमण कारियों को गिरफ्तार किया गया. सभी को गरियाबंद न्यायालय में पेश किया गया, जहां से आरोपियों को 24 अक्टूबर तक न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है.
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अफसरों ने बताया कि आशा राम, चन्तु राम, परसू राम व पूनऊ राम 16 जुलाई की कार्यवाही में जेल भेज दिय गए थे, रिमांड पर छूटने के बाद इनके द्वारा 45 पेड़ काट कर 0.144 हेक्टयर पर फिर से कब्जा किया गया. जबकि कुशल, ठोनू राम, देवीसिंग, टूनु राम, जयलाल, देवराज ने मिलकर 90 पेड़ काट कर 0.451 हेक्टेयर पर कब्जा कर लिया था. विभागीय अमला जब पहुंची तो ये विरोध शुरू कर दिया था. इनकी संख्या परिवार के सदस्यों समेत 20 से 25 थी.
देवझरन की सच्चाई जानने पहुंचेगी टीम
देवझरन जंगल यानी इंदाग़ाव के 1210 कम्पार्ट पर 300 एकड़ से भी ज्यादा जंगल पर देवभोग ब्लॉक से गये आदिवासियों के कब्जे की चर्चा पहले से हो रही थी.10 अक्टूबर को फिर तेज सिंह टांडिया व कमलशाय के साथ 5 ग्रामीणों ने वन मंत्री के पास पहुंच इस देवझरन के बारे में बताया. उन्होंने इलाके के एक वीआईपी का नाम बताते हुए इस जंगल के अतिक्रमण के लिए भूमिपूजन करने का आरोप लगा दिया. इस सनसनी खेज आरोप के बाद देवझरन सुर्खियों में आ गया है. सूत्रों के मुताबिक अभयारण्य कटाई के लिए गठित टीम रविवार को वहां पहुंच कर मामले की जांच करेगी. दोबारा जांच करने आ रहे टीम की अधिकृत जानकारी से अफसर इंकार कर रहे हैं.