अरविन्द मिश्रा, बलौदाबाजार। लल्लूराम डॉट कॉम जनसरोकार की खबरों को लगातार प्रमुखता से उठा रहा है. जिसकी सत्यता पर प्रशासन ने एक बार फिर से मुहर लगाया है. वहीं मोहान बोदा घाट में प्रशासनिक टीम भेजकर महानदी में अवैध रेत परिवहन के लिए बने अस्थायी पुल को तुड़वा दिया और जो रेत मिला उसे सरपंच के सुपुर्द कर आगे की जांच कार्रवाई में जुट गई है.

आपको बता दे कि पिछले वर्ष भी हमने मोहान बोदा गांव जाकर लगातार रेत उत्खनन से हो रहे कटाव को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद वहां रेतघाट को खनिज विभाग ने पूर्णतः बंद कर दिया था. लेकिन फिर से प्रशासनिक अधिकारियों की शह पर यहां पर से रेत का अवैध उत्खनन प्रारंभ हो गया था. जिस पर ग्राम पंचायत मोहान के सरपंच सरपंच ने कलेक्टर को आवेदन देकर तत्काल अवैध रेत उत्खनन को बंद करने की मांग की. जिस पर कलेक्टर चौहान ने तत्काल संज्ञान में लेकर एसडीएम के नेतृत्व में टीम भेजकर इस पर रोक लगवाई और रेत परिवहन के लिए महानदी पर बने अवैध सड़क को ध्वस्त करवा दिया.

सरपंच सचिव और पटवारी को शो कॉज नोटिस

अवैध रेत उत्खनन रोकने के लिए ग्राम पंचायत के सरपंच ने कलेक्टर को ज्ञापन दिया था. ग्राम पंचायत के सरपंच ने अवैध रेत उत्खनन बंद करने को कलेक्टर को ज्ञापन दिया था उसे ही प्रशासन ने शो कॉज नोटिस जारी कर जवाब मांगा है कि पहले जानकारी क्यों नहीं. इससे भी एक नाराजगी देखने मिल रही है.

अवैध रेत उत्खनन की जानकारी खनिज और जिला प्रशासन दोनों को पहले से थी पर कार्रवाई नहीं हो रही थी. खनिज विभाग आंखों में पट्टी मारकर बैठा था. सूत्र बताते हैं कि यह अवैध रेत उत्खनन प्रदेश स्तर के किसी बडे़ जनप्रतिनिधि के संरक्षण में करवाया जा रहा था. जिसकी जानकारी खनिज और जिला प्रशासन सबको थी पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी. इसको लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर से शिकायत किया और लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ने प्रमुखता से खबर को उठाया, जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई की है.

प्रशासन को नहीं मिली महानदी पर गाड़ी

रेत माफियाओं के मुखबिर इतने तगड़े है कि प्रशासन की कार्रवाई की खबर इनको पहले हो जाती है. विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि जिस पोकलेन मशीन से अस्थायी सड़क को तोड़ा गया वह मशीन अवैध रेत उत्खनन करने वाले की थी. यदि प्रशासन कहता है कि गाड़ी नहीं मिली तो वर्षों से बंद पडे़ मोहान बोदा रेत घाट में यह मशीन कहां से आई. यह एक बड़ा सवाल है. फिलहाल अब देखने वाली बात होगी कि अवैध उत्खनन कर जिला सहित राज्य सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान पहुंचाने वालों पर क्या कार्रवाई होती है.