अमृतसर. पहलगाम आतंकी हमले का असर अमृतसर के पर्यटन व्यवसाय पर भी पड़ रहा है। गुरुनगरी में 55 प्रतिशत होटल बुकिंग रद्द हो चुकी हैं। इसके साथ ही श्री हरमंदिर साहिब और दुर्गियाना तीर्थ के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी भारी कमी देखी गई है। टैक्सी चालकों और होटल मालिकों में निराशा का माहौल है।


श्री हरमंदिर साहिब में श्रद्धालुओं की संख्या घटी


जम्मू-कश्मीर में अचानक बिगड़े हालात के कारण जम्मू और हिमाचल से अमृतसर आने वाले पर्यटक अब यहां रुकना बंद कर रहे हैं। सामान्य दिनों में रोजाना करीब एक लाख श्रद्धालु श्री हरमंदिर साहिब में माथा टेकने आते हैं, लेकिन गुरुवार को केवल 35 से 45 हजार श्रद्धालु ही पहुंचे। रिट्रीट सेरेमनी देखने वाले पर्यटकों की संख्या भी सामान्य से 67 प्रतिशत कम रही।
सामान्य दिनों में श्री हरमंदिर साहिब जाने वाले रास्ते पर स्थित हैरिटेज स्ट्रीट पर भारी भीड़ और श्रद्धालुओं का मेला रहता था, लेकिन गुरुवार को वहां बहुत कम श्रद्धालु दिखाई दिए। श्री दुर्गियाना मंदिर का गलियारा भी खाली नजर आया। शिरोमणि कमेटी के यात्री निवास में 30 प्रतिशत से अधिक कमरे खाली हैं। सामान्य दिनों में श्री हरमंदिर साहिब की सराय में कमरे उपलब्ध नहीं होते थे और बुकिंग सिफारिश पर की जाती थी, लेकिन अब कमरे खाली पड़े हैं।
अमृतसर में 55 प्रतिशत से अधिक अग्रिम होटल बुकिंग रद्द हो चुकी हैं। गुरुवार दोपहर तक होटलों में ठहरे 40 प्रतिशत पर्यटक भी वापस लौट चुके हैं। अमृतसर टैक्सी ऑपरेटर यूनियन आजाद के एक नेता ने बताया कि जो पर्यटक अमृतसर में रुके थे और यहां से टैक्सी किराए पर लेकर हिमाचल व जम्मू-कश्मीर जा रहे थे, उन्होंने भी अपनी टैक्सी बुकिंग रद्द कर दी हैं। कई श्रद्धालु और पर्यटक घर लौटना शुरू कर चुके हैं, क्योंकि आने वाले दिनों में सीमा पर स्थिति बिगड़ने का डर है।

पाकिस्तान जाने वाले धार्मिक समूह हो सकते हैं प्रभावित

पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान जाने वाले धार्मिक समूह भी प्रभावित हो सकते हैं। भारत सरकार के अटारी चेक पोस्ट बंद करने के फैसले के बाद पाकिस्तान जाने वाले धार्मिक समूहों के यात्रियों को वीजा न मिलने की संभावना है। यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो पाकिस्तान जाने वाले हिंदू और सिख श्रद्धालुओं के समूहों पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है। भारत ने पाकिस्तान दूतावास के सदस्यों की संख्या भी कम कर दी है।