सरगुजा. मृतक बच्चों के पोस्टमार्टम के लिए पीड़ित परिवार से 10-10 हजार रुपए मांगने और शव को ले जाने के लिए शव वाहन नहीं मिलने के मामले में कलेक्टर ने बड़ी कार्रवाई की है. इस मामले को लल्लूराम डॉट कॉम ने प्रमुख से उठाया था, जिस पर स्वास्थ्य सचिव ने तुरंत संज्ञान लिया. उनके निर्देश पर कलेक्टर ने धौरपुर BMO डॉ. राघवेंद्र चौबे को निलंबित किया है. वहीं रघुनाथपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ मेडिकल ऑफिसर अमन जायसवाल को भी हटा दिए हैं. बता दें कि डूबरी में डूबने से दो बच्चों की मौत हुई थी. पूरा मामला सरगुजा जिले के रघुनाथपुर पुलिस चौकी क्षेत्र का है.

रघुनाथपुर पुलिस चौकी क्षेत्र के ग्राम सिलसिला में रविवार दोपहर दो बच्चे सूरज गिरी पिता विनोद गिरी (5 वर्ष) और जुगनू गिरी पिता शिवा गिरी वर्ष (5 वर्ष) घर के पास ही डबरी में डूब गए थे. परिजन दोनों बच्चों को बाइक से लेकर रघुनाथपुर हॉस्पिटल पहुंचे, जहां दोनों बच्चों को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. मृत बच्चों के परिजनों ने आरोप लगाया कि रघुनाथपुर हॉस्पिटल के डॉक्टर ने दोनों बच्चों के पोस्टमार्टम के लिए 10-10 हजार रुपए मांगे. इसकी जानकारी स्थानीय लोगों ने लुण्ड्रा विधायक प्रबोध मिंज को दी. विधायक की सूचना पर लुण्ड्रा बीएमओ डा. राघवेंद्र चौबे भी मौके पर पहुंचे और दोनों बच्चों का पोस्टमार्टम कराया. बच्चों के शवों को घर ले जाने के लिए वाहन नहीं मिला तो परिजन बाइक से दोनों बच्चों के शवों को लेकर वापस घर पहुंचे और उनका अंतिम संस्कार किया.

CMHO ने मामले की जांच कराने की कही थी बात

इस मामले में सरगुजा सीएमएचओ डाॅ. पीएस मार्को ने कहा था कि बीएमओ ने मौके पर जाकर पूछताछ की है. डॉक्टर ने पैसे नहीं मांगे, बल्कि उनके द्वारा कहा गया कि बिना चीर फाड़ के पोस्टमार्टम रिपोर्ट दे दीजिए, हम कुछ पैसे आपको दे देंगे. वे पहले पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते थे. जब उन्हें पता चला कि पानी में डूबने से कुछ मुआवजा दिया जाता है तो वे पोस्टमार्टम कराने आए थे. सीएमएचओ ने कहा था कि पैसा लेने का आरोप लगा रहे तो टीम गठित कर इसकी जांच कराई जाएगी. शव वाहन के लिए भी परिजनों ने ही मना किया था.