सत्या राजपूत, रायपुर। लल्लूराम डॉट कॉम की खबर का एक बार फिर बड़ा असर हुआ है। कोरबा के करतला विकासखंड के कोथारी स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य और पूर्व माध्यमिक शासकीय विद्यालय के प्रधानपाठक पर कमीशनखोरी का आरोप लगा था। इसके बाद करतला विकास खंड शिक्षा अधिकारी ने जांच की थी, लेकिन जांच में दोषी पाए जाने के बाद भी विभाग ने किसी तरह की कार्रवाई नहीं की थी। इस मामले को बीते 7 सितंबर को लल्लूराम डॉट कॉम ने ‘कमीशनखोर प्राचार्य और प्रधानपाठक पर क्यों मेहरबान है शिक्षा विभाग?, जांच में दोषी पाए जाने के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई’ शीर्षक के साथ प्रमुखता से प्रकशित किया था। इसके बाद अब जाकर शिक्षा विभाग की नींद खुली है और दोषियों को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया गया है।

बता दें कि शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोथारी के प्राचार्य कमल नारायण भारद्वाज और पूर्व माध्यमिक शासकीय कोथारी प्रधानपाठक तुलाराम भारद्वाज ने केंद्रीय योजना रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षक करण बरेठ से रिश्वत मांगी थी। शिकायतकर्ता करण बरेठ ने रिश्वत मांगने का आडियो-वीडियो भी पेश किया था, इसके बाद करतला विकास खंड शिक्षा अधिकारी ने मामले की जांच की थी। लेकिन दोषियों पर कार्रवाई नहीं होने पर करण बरेठ ने जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की थी।

अपने पत्र में शिकायतकर्ता करण बरेठ ने सवाल उठाते हुए कहा था कि रिश्वत माँगने के मामले में जाँच हो गई है जाँच के बाद प्राचार्य और प्रधानपाठक दोनों दोषी पाए गए हैं। लगभग दो माह हो गए हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है। दूसरी तरफ मेरे को सीना ठोकर प्राचार्य और प्रधान पाठक के द्वारा धमकाया जा रहा है, धौंस दिखाया जा रहा है कि तुम कहीं भी शिकायत कर लो हमारे ऊपर कार्रवाई नहीं होगी। तो मैं यही जानना चाहता हूं ज़िम्मेदार अधिकारियों से कि अभी तक क्यों कार्रवाई नहीं हुई है? क्या ऐसे कमीशनखोरी पर शिक्षा विभाग मेहरबान है। लल्लूराम डॉट कॉम ने प्रमुखता से इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया तब जाकर कई महीनों से दबी फाइलों को निकालकर कार्रवाई की गई है।

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