रायपुर. प्रदेश में तहसीलदारों की हड़ताल की वजह से फाइलों का अंबार लग रहा है. राज्य की सभी तहसीलों में लंबित प्रकरणों की तादाद बढ़ने लगी है. तहसीलों और सभी राजस्व न्यायालयों को मिलाकर 20 हजार से अधिक फाइलें पेंडिंग हो गई हैं. इन पर कोई फैसला नहीं हो पा रहा है.

इधर सभी जिलों में चालू शैक्षणिक सत्र के चलते छात्रों को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. छात्रों को आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र बनवाने तहसीलों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं लेकिन उन्हें निराशा हाथ लग रही है. राजस्व कोर्ट में फैसले भी अटके पड़े हैं. इसके बावजूद रजिस्ट्री पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ रहा है लेकिन जमीन से जुड़े अन्य मामले ठंडे बस्ते में चले गए हैं.

तहसीलदारों की हड़ताल से रोजमर्रा के सामान्य कामकाज भी नहीं हो पा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक सभी जिलों में आय प्रमाण पत्र और जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए छात्रों के सबसे ज्यादा आवेदन लंबित पड़े हैं. कई मामलों में छात्रों को समय सीमा में जमा करना अनिवार्य है लेकिन हड़ताल के चलते तहसीलदारों के दस्तखत नहीं हो पा रहे हैं. यही स्थिति मूल निवास प्रमाण पत्र के आवेदनों को लेकर है. स्कूली छात्रों को गुहार लगाते भटकना पड़ रहा है. नक्शा नकल से लेकर शोध क्षमता प्रमाण पत्र के कार्य भी अटक गए हैं. इनमें से ज्यादातर कार्य तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों की निगरानी, अनुमोदन और आदेश से ही संपादित होते हैं. इसी तरह धारा 115 के तहत त्रुटि सुधार जैसे कार्यों पर असर पड़ा है. इसके अलावा बैंकों की वसूली भी प्रभावित हुई है. फौती नामांतरण से लेकर सीमांकन और बंटवारा के प्रकरणों पर भी फैसला नहीं हो पा रहा है. सभी स्तरों के प्रकरणों को मिलाकर लंबित फाइलों की तादाद ही 20 हजार पार कर गई है. यह संख्या रोजाना लगातार बढ़ रही है.