नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सियासी तूफान के साथ हुए सत्ता में बदलाव के बीच आज का दिन अहम होने वाला है. सुप्रीम कोर्ट में उद्धव ठाकरे की ओर से दायर याचिका पर एकनाथ शिंदे के गुट को लेकर अहम सुनवाई होगा. फैसला अगर उद्धव ठाकरे के पक्ष में गया तो महाराष्ट्र की राजनीति की दिशा फिर एक बार बदल सकती है. वहीं दूसरी शिंदे के पक्ष में फैसला आया तो सरकार के साथ-साथ उद्धव ठाकरे के हाथ से पार्टी भी जा सकती है.

एकनाथ शिंदे गुट के 16 सदस्यों की अयोग्य ठहराने के लिए उद्धव ठाकरे ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. मामले में आज याने 11 जुलाई को अहम सुनवाई होने जा रही है. इसके पहले दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इंकार कर दिया था, जिसकी वजह से शिंदे गुट आज महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज है.

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले रविवार को शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु और डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल सहित शिवसेना गुट के सदस्यों ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी प्रतिक्रिया दर्ज की है. डिप्टी स्पीकर ने बागी विधायकों को जारी अयोग्यता नोटिस को जायज ठहराया और कहा है कि उन्हें जवाब देने के लिए उचित समय दिया गया है. डिप्टी स्पीकर ने यह भी कहा है कि विधायकों द्वारा उन्हें हटाने का नोटिस अमान्य था.

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बता दें कि शिवसेना नेता और कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे ने बीते दिनों पार्टी के 37 से अधिक विधायकों के साथ बगावत कर दी थी. इस कारण राज्य में सियासी संकट आ गया. हफ्ते भर से अधिक चले सियासी खींचतान के बाद शिंदे ने बीजेपी के साथ हाथ मिलाकर सरकार बना ली. यही नहीं विधानसभा में एकनाथ शिंदे ने फ्लोर टेस्ट की अग्नि परीक्षा के बिना किसी समस्या से आसानी से पार भी कर लिया है.

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