अजमेर की पॉक्सो अदालत ने जून में 11 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने और उसकी हत्या करने के मामले में एक व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई है. यह आदेश एक आरोपी को दोषी पाए जाने और इसी तरह के मामले में मौत की सजा दिए जाने के पांच दिन बाद आया है.
अदालत ने पुष्कर थाने में दर्ज कराए गए मामले में दोषी ठहराए गए सुंदर उर्फ सुरेंद्र उर्फ संतू के लिए मंगलवार को सजा-ए-मौत का ऐलान किया. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एम. एल. लाठेर के अनुसार, 21 जून को 11 वर्षीय लड़की बकरियों को चराने के लिए निकली थी, लेकिन वापस नहीं लौटी.
काफी खोजबीन के बाद आधी रात के करीब बच्ची का शव पहाड़ी की चोटी पर मिला, जिसके शरीर पर चोटों के कई निशान थे. उसके पिता की शिकायत के आधार पर तत्कालीन थानाधिकारी राजेश मीणा ने पुष्कर थाने में आईपीसी और पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया. तत्कालीन पुलिस अधीक्षक, अजमेर, जगदीश चंद्र शर्मा भी मौके पर पहुंचे और सभी भौतिक (फिजिकल) साक्ष्य एकत्र करने के लिए तकनीकी और एफएसएल टीम को बुलाया.
लड़की का मेडिकल परीक्षण और पोस्टमार्टम किया गया और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया. डीजीपी लाठेर ने बताया कि अगले दिन स्पेशल टीम का गठन कर आरोपी को हिरासत में ले लिया गया. महज चार दिन में जांच पूरी करने के बाद 25 जून को पॉक्सो कोर्ट अजमेर में आरोपी के खिलाफ चालान पेश किया गया.
आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए ‘आवाज दो’ अभियान के तहत केस ऑफिसर योजना के तहत मामले का चयन किया गया और एसएचओ पुष्कर ने केस ऑफिसर के रूप में पदभार संभाला. अजमेर में पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश रतन लाल मुंड द्वारा मुकदमे की शुरुआत के बाद, गवाहों को बुलाया गया. अदालत ने सोमवार को आरोपी संतू को दोषी ठहराते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया. मंगलवार को उसे मौत की सजा सुनाई गई. विशेष लोक अभियोजक रूपेंद्र कुमार परिहार ने पीड़ित का प्रतिनिधित्व किया. हाल के दिनों में यह दूसरा मामला है, जब किसी दुष्कर्मी को मौत की सजा दी गई है.
इससे पहले नागौर के थाना पाडु कला इलाके की सात साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने के आरोपी दिनेश जाट (26) को 22 अक्टूबर को अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी.