पुरुषोत्तम पात्रा,देवभोग. सरकारी डॉक्टर द्वारा एक महिला का अपने निजी क्लिनिक में प्रसव कराया गया. इस दौरान महिला की हालत खराब हो गई. जिसके बाद इस डॉक्टर ने महिला को अस्पताल में भर्ती करवाया. जहां महिला की हालत गंभीर बनी हुई है. वहीं मामले के प्रकाश में आने क बाद बीएमओ ने डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की बात कही है.

मामला देवभोग के मुरगुड़ा क्षेत्र का है. जहां की रहने वाली रत्ना बाई के परिजनों का कहना है कि रत्ना को प्रसव पीड़ा उठने के बाद उन्होंने मदद के लिए 102 पर फोन किया, जिस पर उन्हें जवाब मिला कि अभी 102 का चालक नहीं है. बाद में परिजनों ने निजी वाहन कर रत्ना को लेकर अस्पताल पहुंचे. लेकिन वहां भी कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था.

अस्पताल के कर्मी ने फिर अस्पताल के डॉक्टर शैलेष दौरा से बात की गई. तो उन्होंने रत्ना को टिकरापारा स्थित अपने निजी क्लिनिक में आने को कहा, जिसके बाद परिजन रत्ना को लेकर डॉ. शैलेष के निजी क्लिनक पहुंचे. जहां एक बाद ही रत्ना ने एक बच्ची को जन्म दिया. लेकिन बीच रत्ना की हालत खराब हो गई. रत्ना की हालत बिगड़ता देख डॉ शैलेष ने आनन फानन अस्पताल में भर्ती कराया. वहां डॉ अंजू सोनवानी द्वारा रत्ना का उपचार शुरू किया गया और कुछ समय बाद अब रत्ना सामान्य स्थिति में है.

वहीं मामले के प्रकाश में आने के बाद बीएमओ सुनील भारती ने इस घटना की जानकारी अपने से उच्च अधिकारियों को दे दी है. बीएमओ ने बताया कि शुरूआती पूछताछ के बाद डॉ दौरा को नोटिस जारी किया जा रहा है. क्योकि ​ड्यूटी के समय इस डॉक्टर ने आपने निजी क्लिनिक में प्रसव कराया है जो गंभीर मामला है.

वही डॉ. शैलेश दौरा का कहना है कि उस समय मेरी ड्यूटी नहीं थी,चाहे तो रजिस्टर भी चेक कर लीजिये. गंभीर स्थिति में पहुंची प्रसूता का प्रसव करा कर मैंने अपनी जिम्मेदारी निभाई है. बीएमओ जो कर रहे है वह आपसी रंजिश निकालने के लिये कर रहे हैं.