हेमंत शर्मा,रायपुर। सुकमा और बीजापुर जिले की सीमा पर शनिवार को हुई पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हो गए. हमले में 30 जवान घायल हुए है. जिसमें से 13 घायलों का रायपुर के रामकृष्ण अस्पताल में इलाज चल रहा है. सभी जवानों की स्थिति ठीक बताई जा रही है. एसटीएफ घायल जवान देवप्रकाश ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत की है. जवान ने कहा कि नक्सलियों ने हमें चारों तरफ से घेर लिया था. नक्सलियों तक ग्रामीण सूचना पहुंचाते हैं.
STF जवान ने बताया आंखों देखा हाल
एसटीएफ के कॉन्स्टेबल देवप्रकाश ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में बताया कि हम रात के 12 बजे अभियान के लिए निकले थे. हमारे साथ 250 से 300 जवान थे. जब हम टारगेट रेंज के करीब पहुंचे, तब तक नक्सली हमें चारों तरफ से घेर चुके थे. इतने में ही नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी.
करीब 5 घंटे हुई फायरिंग
नक्सलियों ने सबसे पहले कोबरा बटालियन पर हमला किया. घटना स्थल पर करीब 400 से 500 नक्सलियों की मौजूदगी थी. जब हमारी तरफ से जवाबी फायरिंग की गई, तब हम वहां से निकल पाए. पुलिस और नक्सलियों के बीच लगभग 4 से 5 घण्टे तक मुठभेड़ हुई. जिन नक्सलियों ने हमला किया वो हिड़मा का ग्रुप था.
आधुनिक हथियार से लैस थे नक्सली
कॉन्स्टेबल देवप्रकाश ने आगे बातचीत में बताया कि नक्सलियों के पास आधुनिक हथियार था, इसीलिए वो इतना फायरिंग कर पाए. चूक नहीं हुई है. नक्सलियों के पास हमारे हर-पल का खबर रहती है. हम कहा जा रहे हैं, कहा आ रहे हैं सबकी जानकारी नक्सलियों को रहती है.
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नक्सलियों को ग्रामीण देते हैं सूचना
उन्होंने बताया कि सबसे पहले ग्रामीण देखते हैं कि कितनी संख्या में जवानों का फोर्स जा रहा है. जिसके बाद ग्रामीण यह सूचना नक्सलियों तक पहुंचाते हैं. यानी मुखबिरी करते हैं. इसके साथ में नक्सलियों के पास बिना हथियार के सिविल टीम रहते हैं. लेकिन उनके पास कोई हथियार नहीं है, तो हम मार भी नहीं सकते है.
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