सत्यपाल सिंह,रायपुर। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के उतार चढ़ाव के बीच मौत का तांडव जारी है. औसतन प्रतिदिन बीस लोगों की मौत हो रही है. मौत को रोकने का तमाम प्रयास नाकाम साबित हो रहा है. साथ ही लोगों की लापरवाही जानलेवा साबित हो रहा है. इसी बीच स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि जनजागरूकता के साथ जानलेवा बीमारी से ग्रसित लोगों की पहचान करने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है.

स्वास्थ्य सेवा संस्थाएं उप संचालक सुभाष पांडे ने बताया कि मौत रिव्यू के लिए कमेटी गठित है. हर सप्ताह मौत की समीक्षा कर रिपोर्ट सौंपा जाता है. सभी समीक्षा में लगभग तीन कॉमन कारण सामने आते हैं. सर्दी, खासी को इग्नोर करना, कोरोना स्टेड टू यानी इंनफेक्शन फैलने के बाद हॉस्पीटल पहुंचना और तीसरा अन्य रोग से ग्रसित लोग जिन पर कोरोना बहुत जल्द हावी होता है, क्योंकि उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होता है. इसके आधार पर लोगों को जागरूक करने के साथ मौत को रोकने के लिए लगातार सर्वे किया जा रहा है.

वर्तमान में स्वास्थ्य सुरक्षा अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें जान लेवा रोगों से ग्रसित लोगों का पहचान कर कोरोना टेस्ट किया जाएगा. खासकर 40 से 60 साल के लोग जो ज्यादा प्रभावित होते हैं. सरकारी आंकड़े के मुताबिक अब तक प्रदेश में 2 हजार 9 सौ 41 लोगों की मौत हो चुकी है. जिसमें सबसे ज्यादा मौत रायपुर में 667 लोगों की मौत हुई, तो वहीं दूसरे नंबर पर दुर्ग 552 के साथ है. वहीं नारायणपुर में 2 मौत हुई जो प्रदेश में सबसे कम है.