दिल्ली-NCR के फरीदाबाद से साइबर ठगी का गंभीर मामला सामने आया है। वल्लभगढ़ में रहने वाले एक बुजुर्ग को साइबर ठगों ने शिकार बनाया और उन्हें 5 दिन तक डिजिटल अरेस्ट(digitall arrest) में रखा। इस दौरान उनके बैंक खाते से 81 लाख रुपये निकाल लिए गए। जानकारी के अनुसार, ठगों ने विक्टिम को फोन कर गंभीर आरोप लगाए कि वह गैर-कानूनी कामों में शामिल हैं। इसके बाद उन्हें गिरफ्तारी का डर दिखाया और उनके खाते से बड़ी रकम उड़ाने में सफल रहे। फरीदाबाद पुलिस के साइबर सेल में विक्टिम ने कंप्लेंट दर्ज कराई है। पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और ठगों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
14 अक्टूबर को विक्टिम को एक अनजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को टेलीकम्युनिकेशन डिपार्टमेंट, बेंगलुरु का अधिकारी बताया और कहा कि उनके नाम से कई सिम पंजीकृत हैं, जिनका उपयोग धोखाधड़ी के लिए किया गया है। इसके बाद अगले कुछ घंटों में मुंबई सीबीआई से एक कॉल आई, जिसमें उन्हें बताया गया कि उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग और मानव तस्करी का मामला दर्ज किया गया है। ठगों ने गिरफ्तारी का डर दिखाते हुए उन्हें डिजिटल अरेस्ट में रख लिया।
इसके बाद ठगों ने विक्टिम दंपती को वीडियो कॉल पर रखा और कहा कि कॉल तब तक नहीं कटनी चाहिए जब तक वे बात नहीं करें। डर के मारे बुजुर्ग ने अपनी पत्नी को भी मामले की जानकारी दी। ठगों ने 17 अक्टूबर तक समय-समय पर वीडियो कॉल करके बुजुर्ग दंपती की निगरानी की और उनके बैंक खातों की पूरी जानकारी हासिल की। उन्होंने दंपती को डराया और कहा कि सारी रकम ट्रांसफर करो, जांच पूरी होने के बाद वापस कर दी जाएगी। डर के कारण बुजुर्ग विष्णु ने अपने खातों में जमा 81 लाख रुपये ठगों के बताए गए खातों में ट्रांसफर कर दिए।
गैर कानूनी के आरोप से घबराए विक्टिम
ठगों ने बुजुर्ग को गैर कानूनी कामों में शामिल होने का नाम सुनाकर घबरा दिया। इस घबराहट का फायदा उठाकर उनके सामने कई फर्जी दावे पेश किए। ठगों ने खुद को फेक पुलिस अधिकारी बताते हुए कहा कि विक्टिम के खिलाफ मुकदमा दर्ज है और उन्हें डिजिटल अरेस्ट करना होगा। डिजिटल अरेस्ट के दौरान विक्टिम को वीडियो कॉल के सामने रहना आवश्यक बताया गया। इस डिजिटल अरेस्ट का खेल लगभग 5 दिन तक चलता रहा।
पूछताछ के नाम पर किया परेशान और मांगे रुपये
ठगों ने बुजुर्ग को गैर कानूनी कामों में शामिल होने का डर दिखाया और फर्जी पुलिस अधिकारी होने का दावा कर कई फर्जी आरोप लगाकर उन्हें परेशान किया। इस दबाव में बुजुर्ग को पेमेंट करने के लिए मजबूर किया गया। 16 अक्टूबर को विक्टिम ने 51 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। अगले दिन, 17 अक्टूबर को उन्होंने आरटीजीएस के जरिए 30 लाख रुपये और ट्रांसफर किए।
विक्टिम ने दर्ज कराई कंप्लेंट
कंप्लेंट के मुताबिक, 14 अक्टूबर को दोपहर 3:50 बजे बुजुर्ग को अनजान नंबर से कॉल आई, जो 16 अक्टूबर तक लगातार जारी रही। इसके बाद 16 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक व्हाट्सएप वीडियो कॉल के माध्यम से ठगों ने दंपती की निगरानी की। इस दौरान ठगों ने उन्हें गैर कानूनी कामों में शामिल होने का डर दिखाया और फर्जी आरोप लगाकर उन्हें परेशान किया। बुजुर्ग दंपती ने 19 अक्टूबर को फरीदाबाद पुलिस में कंप्लेंट दर्ज कराई। पुलिस ने साइबर ठगों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।
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