राकेश चतुर्वेदी/कुमार इन्दर, भोपाल/ जबलपुर। नकली रेमडेसिविर के बाद अब प्रदेश में वैक्सीन फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है. सीरम इस्टीट्यूट को कोरोना की 10 हजार वैक्सीन का ऑर्डर दिया गया है. लेकिन जिस अस्पताल के नाम पर वैक्सीन मंगाई जा रही है वह अस्पताल है ही नहीं. वैक्सीन फर्जीवाड़े का खुलासा होते ही कांग्रेस एक बार फिर सरकार पर हमलावर हो गई है. कांग्रेस ने इसकी जांच की मांग की है.
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बता दें कि शहर के मैक्सी हेल्थ केयर अस्पताल के नाम पर सीरम इंस्टिट्यूट पुणे से 10 हजार कोविशील्ड इंजेक्शन मगाएं हैं, लेकिन जबलपुर में इस नाम का कोई अस्पताल है ही नहीं. अब इस फर्जीवाड़े को लेकर स्वास्थ्य और प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया है कि आखिर ये इंजेक्शन गए कहां और किसने मंगाया. इस मामले पर जिला टीकाकरण अधिकारी एसएस दाहिया ने कहा कि इस तरह के फर्जीवाड़े की कोई जानकारी नहीं है. अब प्रशासन पर सवालिया निशाल ये खड़े हो रहे हैं कि विभाग अब इस तरह के फर्जीवाड़े से इंकार कर रहा है.
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इस मामले पर कांग्रेस के मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में रोज नए-नए माफिया पैदा हो रहे हैं. नकली रेमडेसिविर, नकली प्लाज्मा, अस्पतालों से इंजेक्शन चुराने, ब्लैक फंगस के इंजेक्शन में गड़बड़ी करने वाले माफिया के बाद अब वैक्सीन में भी घोटाला हो रहा है. उन्होंने सवाल खड़े किए हैं कि जबलपुर में मैक्स हेल्थ केयर इंस्टीट्यूट के नाम से 10 हजार कोविडशील्ड वैक्सीन का आदेश सीरम इंस्टिट्यूट को कैसे प्राप्त हो गया? किसने आदेश दिया? जबकि इस नाम का कोई अस्पताल या संस्थान जबलपुर में है ही नहीं. इस अराजक स्थिति के लिए जिम्मेदार कौन है? तत्काल या तो इस अस्पताल को ढूंढा जाए या कोविशील्ड का आदेश देने वाले व्यक्ति को, मप्र के टीकाकांड की जांच हो.
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