रांची। झारखंड में हर घर में नल से पानी पहुंचाने की योजना की रफ्तार बेहद सुस्त है। योजना शुरू होने के दो साल के दौरान 17 फीसदी से भी कम घरों में नल कनेक्शन पहुंचाया जा सका है, जबकि 2024 तक शत-प्रतिशत घरों में नल का पानी पहुंचाने का लक्ष्य है। जल जीवन मिशन के तहत झारखंड में लगभग 60 लाख (59.23 लाख) परिवारों को इससे फायदा मिलना है। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने विधानसभा के चालू शीतकालीन सत्र में विधायक दीपिकापांडेय सिंह द्वारा पूछे गये एक सवाल के जवाब में कहा है कि 15 दिसंबर, 2021 तक राज्य में मिशन के तहत नल जल आपूर्ति का 16.54 फीसदी हासिल कर लिया गया है।

बता दें कि झारखंड सहित देश भर में अगस्त, 2019 से इस योजना पर काम शुरू हुआ है। 2024 तक सभी ग्रामीण परिवारों को इसका लाभ दिए जाने का लक्ष्य है। पेयजल स्वच्छता विभाग का कहना है कि फिलहाल 75 फीसदी लक्ष्य हासिल करने के लिए योजनाओं को स्वीकृति दी जा चुकी है और इसके लिए विभिन्न स्तरों पर क्रियान्वयन की कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा 25 फीसदी लक्ष्य पाने को योजनाएं तैयार की जा रही हैं।

झारखंड में जल जीवन मिशन के तहत 9 लाख 86 हजार 173 घरों में नल का पानी पहुंचाने का दावा किया गया है। 15 अगस्त 1947 को जब यह योजना शुरू हुई थी, उसके पहले राज्य के मात्र 5.83 प्रतिशत घर ऐसे थे, जहां नल के पानी की पहुंच थी।

पड़ोसी राज्य बिहार में इस योजना के तहत 88.77 प्रतिशत घरों तक नल का पानी पहुंचाने का दावा किया गया है, जबकि मिशन की शुरूआत के ठीक पहले वहां मात्र 1.84 प्रतिशत घरों तक ही नल का कनेक्शन उपलब्ध था।

झारखंड में इस मिशन के तहत रामगढ़ जिले में सबसे ज्यादा उपलब्धि दर्ज की गयी है, जहां 43.86 प्रतिशत घरों में नल कनेक्शन के जरिए पानी पहुंचाने का दावा किया जा रहा है। राज्य की राजधानी रांची जिले की बात करें तो यहां 32.53 घरों तक नल कनेक्शन मुहैया कराया गया है। राज्य में सबसे बुरा प्रदर्शन पाकुड़ जिले का रहा है, जहां मात्र 4.29 फीसदी घर ही इस सुविधा से आच्छादित किये जा सके हैं। खराब प्रदर्शन करने वाले अन्य जिलों में गढ़वा (6.01 प्रतिशत), पलामू (7.19 प्रतिशत) और लातेहार (8.17 प्रतिशत) हैं।

जल जीवन मिशन के आंकड़ों के मुताबिकराज्य में कुल घरों की संख्या 49 लाख 37 हजार 147 घरों में नल का कनेक्शन पहुंचाया जाना बाकी है। निर्धारित लक्ष्य के अनुसार 31 दिसंबर 2024 तक इस योजना में शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल करने के लिए यह जरूरी होगा कि प्रतिदिन लगभग साढ़े चार हजार घरों को नल कनेक्शन से जोड़ने का काम हो।