अंबिकापुर। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी को लेकर विभागीय अधिकारी टालमटोल का रवैया अपना रहे हैं. RTI कार्यकर्ता ए एन पांडे ने महिला एवं बाल विकास विभाग से सूचना के अधिकार के तहत कुछ जानकारी चाही थी, लेकिन एक महीने तक उन्हें इधर-उधर भटकाने के बाद भी जानकारी नहीं दी गई.
महीनेभर बाद पत्र के माध्यम से उन्हें कहा गया कि उनके द्वारा मांगी गई जानकारी की प्रतियां करीब 16 हजार है, इसलिए उन्हें 32 हजार 530 रुपए ऑफिस में जमा कराने होंगे.
इस तरह की राशि की मांग विभाग की मंशा को साफ जाहिर कर रही है कि जानकारी विभाग नहीं देना चाह रहा.
आरटीआई एक्टिविस्ट का कहना है कि इस तरह की उलजलूल राशि की मांग करने के पीछे विभाग की मंशा है कि जानकारी मांगने वाला घबरा जाए और जानकारी मांगे ही नहीं. उन्होंने कहा कि जानकारी पेन ड्राइव या सीडी में भी दी जा सकती थी.
फिलहाल आरटीआई एक्टिविस्ट एन एन पांडे ने महिला एवं बाल विकास विभाग सरगुजा के जनसूचना अधिकारी को तमाम नियमों का हवाला देकर अपने सवालों के जवाब के लिए 32 हजार 530 रुपए का चेक विभाग को भेज दिया है. इसकी कॉपी सोशल मीडिया में भी खूब वायरल हो रही है.
इधर इस मामले में महिला बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी निशा मिश्रा ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.