शुभम् जायसवाल, राजगढ़। मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव है। एक तरफ 17 नवंबर को सभी अपने मत का अधिकार कर देश के इस लोकतंत्र के त्यौहार में भाग लेंगे वहीं दूसरी ओर नरसिंहगढ़ तहसील के चाटा गांव के किसानों ने चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। दरअसल चाटा गांव के किसानों का कहना है कि आसपास के क्षेत्र में नहर बना दी गई। लेकिन चाटा गांव को अब तक नहर से पानी नहीं मिल पाया। अधिकारी और जनप्रतिनिधि अब तक सिर्फ आश्वासन देते रहे। ऐसे में ग्रामीणों ने आज नहर नहीं तो वोट नहीं के नारे लगाते हुए गांव में विरोध रेली निकाली और वोट नहीं डालने की अपील के साथ ही जगह जगह बैनर पोस्टर भी लगाया गया, जिसमे लिखा है- नहर नहीं तो वोट नही।

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सरकार के विकास के दावे खोखले साबित हो रहे 

मध्य प्रदेश में सरकार गांव गांव तक विकास के लाख दावे कर रही थी। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों से जो तस्वीर निकलकर आ रही है उसे देखने के बाद शिवराज सरकार के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। 

 राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ जनपद पंचायत के तहत आने वाली छोटा बैरसिया पंचायत के गांव गोलियांपूरा में सरकार की योजनाओ का लाभ नहीं पहुंचा। यहां के ग्रामीण आज भी सड़क, पानी जैसे मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अब तक उन्हें सड़क नहीं मिल पाई। हर बार सिर्फ आश्वासन मिलता है। अगर उनके गांव में कोई किसी भी पार्टी के प्रत्याशी वोट मांगने पहुंचे तो उनके साथ किसी भी तरह की घटना हो सकती है। उसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार होंगे। ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार करने का फैसला लिया और गांव में सड़क पानी नहीं तो वोट नहीं के नारे लगाते हुए गांव में रैली निकाली।

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