रायपुर. छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग का आरक्षण प्रतिशत कम किए जाने को लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य के. रामुलु का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने रायपुर में मीडिया से चर्चा में कहा है कि देशभर में एससी वर्ग का आरक्षण प्रतिशत 15 होना अनिवार्य है. जनसंख्या प्रतिशत के अनुसार आरक्षण प्रतिशत बढ़ाया जा सकता है, लेकिन जनसंख्या कम होने पर भी एससी वर्ग को 15 प्रतिशत आरक्षण देना जरूरी है.

आपको बता दें कि पहले छत्तीसगढ़ में एससी वर्ग को 16 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा था, जिसे घटाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है. काफी समय से एससी वर्ग के लोग फिर से इसे 16 प्रतिशत करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन रामुलु का कहना है कि आयोग के पास अब तक छत्तीसगढ़ से ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है. अगर ऐसी कोई भी शिकायत आती है, तब यहां आरक्षण प्रतिशत कम करने को लेकर सरकार से जवाब मांगा जाएगा.

यहाँ आपको यह बताना समीचीन होगा कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य के. रामुलु इन दिनों छत्तीसगढ़ दौरे पर आये हुए हैं. वे राज्य में अनुसूचित जातियों के स्थिति का अवलोकन कर रहे हैं. आज राजधानी के नवीन विश्राम गृह में के. रामुलु ने प्रेस कांफ्रेंस लेकर पत्रकारों को विस्तृत ब्यौरा दिया. रामुलु ने छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जातियों की स्थिति को देशभर के अन्य राज्यों से बेहतर बताया. साथ ही उन्होंने इस बात पर खीझ प्रकट किया कि छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार अनुसूचित जातियों को 12 प्रतिशत ही आरक्षण क्यों दे रही है जबकि अन्य राज्यों में 15 प्रतिशत आरक्षण अनिवार्य रूप से दी जा रही है.

अन्य राज्यों से अनुसूचित जाति की बेहतर स्थिति बताये जाने के कारणों को गिनाते हुए के. रामुलु ने आगे बताया कि छत्तीसगढ़ के अनुसूचित जाति सरकार की योजनाओं का लाभ लेने में अन्य राज्यों की तुलना में काफी आगे हैं. उन्होंने कहा कि राजधानी में बैंक अधिकारियों से बैठक हुई. बैंक अधिकारियों के आंकड़े के मुताबिक अनुसूचित जाति के लोग मुद्रा योजना, बीमा योजना और भी तमाम योजनाओं का भरपूर लाभ ले रहे हैं.

के. रामुलु से महाराष्ट्र में हुए हिंसक घटना के संबंध में सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस पर वे कुछ कहना नहीं चाहते हैं. ऐसे संवेदनशील मसले पर फौरी कुछ कहना ठीक नहीं होगा. घटना की हर पहलू के साथ सरकार इसकी जांच करे. वही उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति के कलेक्टर, आईपीएस, आईएएस जैसे पदों पर पहुँच चुके लोगों के द्वारा आरक्षण का लाभ लिए जाने के विषय पर कहा कि इस मामले पर सरकार और आयोग के बीच विचार-विमर्श किया जा रहा है. फिलहाल इस विषय को लेकर किसी अंतिम नतीजे पर ना सरकार पहुँच पाई है और ना ही आयोग. इस मामले पर भी स्पष्ट कहने से आयोग सदस्य के. रामुलु बचते नजर आये.

कलेक्‍टर-एसपी के व्‍यवहार पर जताई नाराजगी
अपने दो दिवसीय प्रवास के लिए छत्तीसगढ़ पहुंचे राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य के. रामुलु ने यहां अधिकारियों के बर्ताव को लेकर नाराज़गी जाहिर की. रायपुर कलेक्टर और एसपी के बैठक में देरी से पहुंचने से नाराज रामुलु ने मीडिया से कहा कि यहां के एसपी और कलेक्टर को ही प्रोटोकॉल नहीं मामूल तो आम जनता को कैसे पता होगा. दरअसल राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य के. रामुलु से एसपी और कलेक्टर की बैठक रखी गई थी, लेकिन दोनों तय समय पर नहीं पहुंचे. रामुलु के मुताबिक जब उन्होंने दोनों को कॉल करके आयोग की ताकत के बारे में बताया और फटकार लगाई तब दोनों बैठक के लिए पहुंचे.