रायपुर। संजय लीला भंसाली की फ़िल्म पद्मावती को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन चल रहा है. छत्तीसगढ़ में भी फिल्म के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही है. प्रदेश के राजपूत संगठनों ने फिल्म के विरोध में 18 नवम्बर को राजधानी रायपुर में महा आंदोलन का ऐलान किया है. संगठन द्वारा एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया जाएगा. जिसके पश्चात सभी राजभवन और मुख्यमंत्री निवास तक पैदल मार्च करेंगे.
प्रदर्शन की तैयारी को लेकर राजपूत क्षत्रिय महासभा छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष होरी सिंह डोंड के अध्यक्षता एवं अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा बीकानेर प्रदेश अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह जूदेव ,अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा की राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष जया जूदेव, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष अवधेश गौत्तम की उपस्थिति में राजपूत छात्रावास भवन कोटा में बैठक हुई.
बैठक में फ़िल्म निर्माता संजय लीला भंसाली के खिलाफ निंदा प्रस्ताव रखा गया. फिल्म में दिखाए गए दृश्यों को लेकर महासभा ने इसे पद्मावती का अपमान बताया है. निंदा प्रस्ताव में कहा गया है कि जिस प्रकार से फ़िल्म निर्माताओं के द्वारा पैसा कमाने की होड़ में इतिहास के साथ छेड़छाड़ कर काल्पनिक कहानी के जरिए फिल्माकंन कर राजपूतों के बलिदान और त्याग को उपहास का पात्र बनाया जाता है ये घोर निंदनीय है.
उन्होंने संजय लीला भसाली के साथ ही फ़िल्म उद्योग से जुड़े सभी लोगों को चेतावनी देते हुए हिदायत दी कि भविष्य में अगर इतिहास पर आधारित फिल्में बनाई जाए तो इस प्रकार का कुसित कार्य कोई ना करें. उन्होंने छत्तीसगढ़ के सभी सिनेमाघर मालिकों से फ़िल्म पद्मावती का प्रदर्शन नही करने की अपील की है.