रायपुर. सरकार की योजना रोजगार तो नहीं दिला पाई लेकिन बंधुवा मजदूर बनने की नौबत जरूर आ गई. जिस योजना से रोजगार मिलना था, जिससे जिंदगी बेहतर होनी थी उससे नर्क में जाने जैसी स्थिति बन गई. ये कोई सीरियल की कहानी नहीं है. ये सच्चाई है देश और प्रदेश की राजधानी से जुड़ी कहानी की. जी हां देश की राजधानी दिल्ली और छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से जुड़ी कहानी. ये सच्ची कहानी है सरकार की उस योजना से जुड़ी युवाओं की जिन्होंने पं. दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना से प्रशिक्षण लिया था.

दरअसल इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब सभी युवा किसी तरह वापस राजधानी रायपुर लौटें. उन्होंने बताया है कि पहले उन्हें रोजगार देने के नाम पर देश की राजधानी दिल्ली ले जाया गया. फिर वहां उन्हें प्रताड़ित किया गया साथ ही बंधुआ मजदुर बनाने की कोशिश की गई. इतना ही नहीं उन्हें एेसी जगह रखा गया, जहां वेश्यावृत्ति होती थी.

रोजगार दिलाने की बात झूठ…
बता दें कि 28जुन को 27 युवाओं के एक बैच को प्रशिक्षण पूरा होने के बाद रोजगार दिलाने के नाम पर दिल्ली ले जाया गया. जहां ना तो उनके खाने-पीने की कोई व्यवस्था की गई, न ही रहने की, साथ ही जितने वेतनमान पर रोजगार दिलाने की बात कही गई थी वो भी झुठी साबित हुई है. युवाओं ने बताया कि वे किसी तरह से प्लेसमेंट एजेंसी के चंगुल से छूंटकर भागे हैं.

इस बारे में जब हमने और जानकारी जुटानी चाही तो हम माना स्थित ट्रेनिंग सेंटर पहुंचे.  तब पता चला कि सारे ट्रेनी और पीड़ित युवा धरने पर बैठे हुए थे. इस दौरान ये भी जानकारी मिली कि आनंद एजेंसी इन युवाओं को प्लेसमेंट  के नाम पर पर ले गई थी उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे और अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे. इसी दौरान सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें माना टीआई आक्रोशित युवा पर भड़कते हुए नजर आए.  इस बारे में जब माना टीआई से बात की गई तो उन्होंने कहा कि शिकायत मांगी गई थी मिली नहीं. लिहाजा शिकायत आने के बाद जांच कर कार्रवाई की जाएगी.

सरकार ने योजना युवाओं के उत्थान के लिए बनाई है. लेकिन कुछ लोग इन योजनाओं के नाम पर लोगों को गुमराह और परेशान करने का काम कर रहे हैं.  इस घटना ने यह भी बता दिया कि जिन संस्थानों या प्लेसमेंट एजेंसियों को सरकार गांव के युवाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने की जिम्मेदारी उनमें से कुछ एजेंसियां इसी तरह ग्रामीण युवाओं से धोखा करते हुए नजर आते हैं. ऐसे में अब ये देखने वाली बात होगी कि सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना के नाम पर युवाओं के साथ इस तरह के दुर्व्यवहार करने वाले प्रशिक्षण संस्थान, प्लेसमेंट एजेंसी और लापरवाह बने रहे वालें अधिकारियों पर सरकार क्या रुख अपनाती है.