रायपुर. जमीन और मकान देने के नाम पर 12 करोड़ का फर्जीवाड़ा के मामले में सीबीआई के स्पेशल मजिस्ट्रेट ने आज बड़ा फैसला सुनाते हुए इस मामले से जुड़े 25 आरोपियों को 3 साल से लेकर 7 साल तक की सजा सुनाई है. आरोपियों में चंदेला बिल्डर्स और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया बिलासपुर के तत्कालीन महाप्रबंधक और मैनेजर भी शामिल है. सजा के साथ-साथ 50 हजार से लेकर एक लाख का अर्थदंड से दंडित भी किया गया है. सीबीआई के स्पेशल मजिस्ट्रेट पंकज जैन के कोर्ट में 14 साल पुराने जमीन व मकान से जुड़े फर्जीवाड़ा प्रकरण की सुनवाई हुई. यह मामला 2004 का है.

जानकारी के अनुसार चंदेला बिल्डर्स की संचालिका शारदा सिंह ने 2004 में विज्ञापन जारी कर लोगों को प्लाट, फ्लैट और मकान कीमतों पर और ऋण सुविधा के साथ उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था. इस विज्ञापन को देखकर सैकड़ो लोगों ने आवेदन जमा करवाया था. लोगों के इन आवेदनों में कूट रचना कर बिल्डर शारदा सिंह ने अपने सहयोगी विलास राव के साथ मिलकर बिलासपुर रेलवे कॉलोनी स्थित एसबीआई के तत्कालीन महाप्रबंधक जीएन बांग्ला और विक्रम धीवर के पास जमा कराया.

साथ ही इन आवेदनों में फर्जी दस्तावेज लगाकर 21 फर्जी आवेदनकर्ताओं को पेश किया गया और उनके नाम पर करीब 12 करोड़ रुपए निकाले. उक्त राशि अपने खाते में बिल्डर और बैंक मैनेजर ने जमा करवा लिया. इसके बाद जब आवेदनकर्ताओं को बैंक का नोटिस पहुंचा तब लोगों को वस्तुस्थिति की जानकारी हुई. जिसके बाद इसकी शिकायत उन्होंने सीबीआई में की.

सीबीआई ने जांच के बाद 30 आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया. जांच के बाद मामले में 30 जून 2006 को कोर्ट में 122 गवाह की सूची सहित 7 हजार पन्नों का आरोप पत्र पेश किया गया. साथ ही सभी गवाहों के बयान पेश किए गए। इस मामले में आज मजिस्ट्रेट पंकज जैन ने फैसला सुनाते हुए 25 आरोपियों को विभिन्न धाराओं के तहत सजा सुनाई. बताया गया है कि इस मामले में कुल 30 आरोपी बनाए गए थे.

जिनमें जीएन बांग्ला तत्कालीन बिलासपुर रेलवे कॉलोनी मैनेजर, विक्रम धीवर, गिरीश सिंह, शारदा सिंह, चंदेला बिल्डर्स संचालिका वासुदेव मिर्धा, प्रभाती मिर्धा, नितिन पांडे, अरविंद सेवक, अलका सेवक, सुकुमार विश्वास, अनुला विश्वास, अमिया मंडल शोभारानी मंडल, विश्वनाथ राय, वीणा राय, अनिता राय, पवन ठाकुर, संतोष गर्ग, सुदर्शन हलदर, जया गर्ग, संध्या हलदार, एमएल पांडे, प्रभात गुप्ता, आशीष सिंह आलोक स्वर्णकार एवं विलास राव (फरार) शामिल है. कोर्ट ने फरार आरोपी को पकडऩे के लिए वारंट जारी किया है.