नई दिल्ली. मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में चर्चा शुरू हो गई. एनडीए में भाजपा के बाद सबसे बड़े सहयोगी दल शिवसेना ने यू-टर्न ले लिया. एक दिन पहले अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी करने के बाद शिवसेना ने शुक्रवार को कहा कि वह वोटिंग में हिस्सा ही नहीं लेगी. उधर, 19 सांसदों वाले बीजू जनता दल ने भी कहा कि यूपीए और एनडीए की सरकारों ने कुछ नहीं किया, इसलिए हम वॉकआउट करते हैं. इन दोनों दलों के वोटिंग में हिस्सा नहीं लेने पर लोकसभा में सदस्यों की संख्या 497 रहेगी. बहुमत के लिए 249 वोट जरूरी होंगे. अकेले भाजपा के पास 274 सांसद हैं.
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा से पहले लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हर पार्टी को 30 मिनट का समय मिलना चाहिए था। सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस को बोलने के लिए महज 38 मिनट मिले हैं. 130 करोड़ लोगों की समस्याओं और सरकार की गलतियों को उजागर करने के लिए क्या इतना समय काफी है? हालांकि, स्पीकर सुमित्रा महाजन ने साफ किया कि लोकसभा में आज शाम 6 बजे ही वोटिंग होगी. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत तेदेपा सांसद जयदेव गल्ला ने की. उन्होंने कहा कि केंद्र ने आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा पूरा नहीं किया.

समझिए लोकसभा का गणित

लोकसभा में मौजूदा संख्या –  534

शिवसेना (18) और बिजद (19) को कम करने पर – 497

बहुमत के लिए जरूरी- 249

एनडीए के पास – 295 (स्पीकर समेत)

यूपए- 63

दूसरे विपक्षी दल – 74

जिन दलों का रुख साफ नहीं – 65

देश की नजरें संसद पर

चर्चा से पहले प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ”आज हमारे संसदीय लोकतंत्र का अहम दिन है। मुझे साथी सांसदों पर भरोसा है कि वे इस मौके पर आगे आएंगे और बिना गतिरोध के सकारात्मक और विस्तृत चर्चा को आगे बढ़ाएंगे। हम देश की जनता और संविधान निर्माताओं के कर्जदार हैं। पूरे देश की नजरें हम पर रहेंगी।”

# भूकंप आने वाला है

केंद्रीय संसदीय मंत्री अनंत कुमार  ने कहा- ‘”राहुल जी ने एक बार कहा था कि वे बोलेंगे तो संसद में भूकंप आएगा। भूकंप जरूर आएगा, लेकिन वह कांग्रेस में आएगा। एनडीए सरकार को उम्मीद से ज्यादा समर्थन मिलेगा।’’  इसके बाद से #भूकंपआनेवालाहै फिलहाल ट्विटर पर जमकर ट्रेंड कर रहा है.