संतोष गुप्ता,जशपुर. शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज जशपुर में भृत्य के पद पर नौकरी लगाने के नाम पर कॉलेज के लिपिक ने ही एक लाख रूपये की ठगी की है. पीड़ित ने इसकी लिखित शिकायत एसपी से की थी. इस मामले में जांच के बाद सिटी कोतवाली जशपुर में आरोपी लिपिक के खिलाफ 420 का मामला पंजीबद्ध किया गया है.

जानकारी के मुताबिक पीड़ित सत्येंद्र सिंह महुआटोली निवासी ने पुलिस अधीक्षक जशपुर को आरोपी विश्वनाथ राम लिपिक शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज जशपुर निवासी बस्ता के विरूद्ध पत्नी को भृत्य के पद पर पॉलिटेक्निक कॉलेज जशपुर में नौकरी लगाने के नाम पर 01 लाख रूपये लेने और आज तक नौकरी नहीं लगाने के संबंध में शिकायत प्रस्तुत किया था. जो कि जांच पर सही पाया गया कि विश्वनाथ द्वारा आवेदक की पत्नी संतोषी सिंह को पॉलिटेक्निक कॉलेज जशपुर में भृत्य पद पर नौकरी लगाने के लिये धोखाधड़ी कर एक लाख रूपये की धोखाधड़ी की है.

पुलिस के मुताबिक आरोपी विश्वनाथ राम शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज जशपुर में बाबू के पद पर कार्यरत है. जो पीड़ित की दुकान हमेशा आना जाना करता था. उसने 14 सितंबर 2013 को नियमित चतुर्थ श्रेणी सीधी भर्ती के रिक्त पद हेतु विज्ञापन जारी किया गया था. जिसमें भृत्य चौकीदार पद हेतु अनारक्षित सीट में नियुक्ति हेतु विज्ञापन था. आरोपी द्वारा दुकान में आकर यह कहा कि हमारे पॉलिटेक्निक जशपुर में भृत्य पद हेतु वेकेन्सी निकला है.

आरोपी ने कहा कि यदि आपकी पत्नी का नौकरी लगाना है. तो मैं लगवा दूंगा नियमित नौकरी है. वेतन भी अच्छा है. पीड़ित उसकी बातों पर आ गया और उसके कहें अनुसार अपनी पत्नी संतोषी सिंह को भृत्य पद हेतु विश्वानाथ राम के कहने पर फार्म भरवाया और फार्म जमा करा लिया.  और विश्वनाथ ने नौकरी लगवाने के नाम पर 50 हजार रुपए नगद ले लिया. कुछ दिनों बाद पीड़ित को पता चला कि विज्ञापन को निरस्त कर दिया गया है. जिसके बाद पीड़ित ने विश्वनाथ से कहा कि विज्ञापन निरस्त हो गया है. औप मुझे मेरा पैसा वापस कर दीजिए.

विश्वनाथ राम ने कहा कि विज्ञापन निरस्त होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है. मैं नौकरी सीधे रायपुर मंत्रालय से लगवा दूंगा. यह कर उसने और 50 हजार रुपए पीड़ित से ले लिए. लेकिन एक साल बीत जाने के बाद न ही नौकरी लगी और न ही एक लाख रुपए वापस की गई. अब बल्कि आरोपी कह रहा है कि तुमको जो करना है कर लो मैं तुमकों पैसा नहीं वापस करूंगा.

बता दें कि कुछ लिखा पढ़ी कर दो तब उसके द्वारा शपथ आयुक्त जीवन तिर्की के समक्ष जाकर आवश्यक घरेलू काम से लेन देन बाबत का हवाला देते हुए 50 हजार रूपये कि लिखा पढ़ी करा ली.

पीड़ित अब एसपी से आरोपी के खिलाफ ठगी का मामला दर्जकर उसके खिलाफ विरूद्ध कार्रवाई करने की मांग कर रहा है. पीड़ित ब्याज समेत एक लाख रुपए दिलाने की बात कह रहा है. फिलहाल अब देखना यह होगा कि पीड़ित को क्या न्याय मिलती है या नहीं और आरोपी पुलिस के गिरफ्त में कैसे आता है.