रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य वन विभाग में नौकरी लगवाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी का मामला सामने आया है. शातिर ठग ने एक ही परिवार के चार पांच लोगों को अपना शिकार बनाते हुए उनसे 10 लाख रुपए की ठगी की है. मामला कांकेर एवं चारामा थाना क्षेत्र का है. जहां पीड़ितों की पहचान एक कार्यक्रम के दौरान आरोपी तिलक यादव से हुई. आरोपी ने मंत्रालय में अपनी ऊंची पहुंच का हवाला देते हुए उन्हें अपने झांसे में ले लिया. पुलिस के अनुसार आरोपी इतना बड़ा शातिर है कि उसने ठगी के लिए बकायदा अखबारों में सर्वे रिपोर्टर का फर्जी विज्ञापन निकाला था और लोगों को उस विज्ञापन की कॉपियां दिखाकर अपने झांसे में ले लेता था.

नौकरी के नाम पर ठगे 10 लाख रूपए

आरोपी ने पीड़ितों को अपनी पहुंच बताकर उन्हें नौकरी लगाने का वादा कर सबसे 3-3 लाख रुपए ले लिया. इस तरह आरोपी ने चारों पीड़ितों नीरज देवांगन, वेदप्रकाश देवांगन और तरुण देवांगन, संजय देवांगन से कुल 10 लाख रुपए ऐंठ लिया. कुछ दिनों बाद जब पीड़ितों ने उससे संपर्क किया तो आरोपी ने बकायदा उन्हें एक चयन सूची दी जिसमें उनका नाम था. यही नहीं तकरीबन सप्ताह भर बाद आरोपी ने सभी पीड़ितों को नियुक्ति पत्र के साथ ही उन्हें परिचय पत्र भी दे दिया.

नियुक्ति पत्र, आईकार्ड निकले फर्जी

नियुक्ति पत्र और आईकार्ड मिलने के बाद चारों पीड़ित जब मंत्रालय ज्वाईनिंग के लिए पहुंचे तो उन्हें पता चला कि उन्हें जो नियुक्ति पत्र, आईकार्ड मिला है वे सब फर्जी हैं यहां तक की जो विज्ञापन निकला था वह भी फर्जी था तिलक यादव ने पैसा लौटाने के एवज में उनको दिए हुए सारे डाक्यूमेंट्स वापस ले लिया और पीड़ितों को गोल-गोल जवाब देने लगा.

पीड़ित तिलक यादव से पैसा वापस लौटाने की मांग

ठगी का पता चलने के बाद सभी पीड़ित आरोपी से पैसा वापस लौटाने की मांग की है.जिसके बाद आरोपी उन्हें टालने और घुमाने लगा यहां तक कि उसने उनका फोन उठाना भी बंद कर दिया. जिसके बाद पीड़ितों ने पुलिस के पास मामले की शिकायत की. पीड़ितों की शिकायत पर कांकेर जिले के पुलिस अधीक्षक ने उनकी बातों को ध्यान से सुना एवं आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की बात कही है.