अभिषेक सेमर, तखतपुर. इन दिनों पीडब्ल्यूडी (PWD) के ठेकेदारों को आखिर किसका संरक्षण मिला है, जो लाखों करोड़ों के निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने से बाज नहीं आ रहे हैं. इनके हौसले इस कदर बुलंद हैं कि इनके घटिया निर्माण की शिकायत करने के बावजूद और अधिकारियों द्वारा जांच टीम गठित होने के बावजूद इनको जरा भी कार्यवाही का खौफ नहीं है.
यही वजह है कि कुछ ठेकेदार अपने दादागिरी से पीडब्ल्यूडी (PWD) में काम कर रहे हैं, जिसके कारण घटिया निर्माण का सिलसिला रुक नहीं रहा है. इनके चक्कर में पीडब्ल्यूडी में ईमानदार ठेकेदार भी सक के दायरे में नजर आ रहे हैं.

लिहाजा ये एक दिन में खत्म करने वाली समस्या नहीं है, इन्हें राजनीतिक या अधिकारियों का संरक्षण मिला है. शायद इसी वजह से ये बढ़ते बड़े जनहित के प्रोजेक्ट पर भी अपनी दाल गलाने में भी नहीं चूकते और आम लोगों को भी मौत के मुंह के तरफ धकेलने में भी इनका दिल नहीं पसीजता. हालांकि देश एवं प्रदेश में इस तरह के घटिया निर्माण के चलते बड़ी दुर्घटना देखने और सुनने को मिलती है, लेकिन उस घटनाओं के बाद केवल संवेदनाएं व्यक्त की जाती है. अगर कोई बड़ी कार्यवाही हो दोषियों के खिलाफ तो शायद ऐसी गुस्ताखी दोबारा ठेकेदार या अधिकारी ना कर पाए, लेकिन फिर भी छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार है और भ्रष्टाचारियों और दोषियों के खिलाफ सूली पर चढ़ाने की बात कही गई है. इससे उम्मीद है कि छत्तीसगढ़ मैं यह जल्द खत्म हो जाएगी.

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घटिया निर्माण तो चलिए आज हम आपको ऐसे ही निर्माण की दिलचस्प दांसता से रूबरू करा रहे हैं, जिसके मटेरियल मानक को जानकर आपकी भी रोंगटे कांप उठेगी. सैंया भए कोतवाल…अब डर काहे का…पुलिया सड़क निर्माण में खराब मटेरियल का उपयोग ,करोड़ों का गोलमाल करने में लगे हैं ठेकेदार, जानकारी के बाद भी निर्माण कार्य के तारीफो के कसीदे गढ़ रहे हैं इंजीनियर, इस हेडिंग के साथ लल्लूराम डॉट कॉम ने खबर प्रकाशित किया था. इसके बाद इस खबर पर प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए तखतपुर एसडीएम ज्योति पटेल ने बकायदा आदेश जारी किया और तखतपुर तसीलदार सोनू अग्रवाल के नेतृत्व में 5 सदस्यीय टीम गठित की, लेकिन आश्चर्य की बात ये है कि इस आदेश में 3 दिवस के भीतर जांच कार्यवाही कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने और घटिया निर्माण को दोबारा से सही करवाने के निर्देश दिए थे, लेकिन अधिकारियों के साय साय के चक्कर में ना तो घटिया निर्माण की कोई जांच हुई है और ना ही किसी भी पैमाने को रोका जा सका है और ना ही ठेकेदार के खिलाफ कोई उचित कार्यवाही की गई है.

अधिकारी और उनकी टीम लोकसभा चुनाव में निर्वाचन तत्काल का हवाला देकर दूसरे कामों में व्यस्त होने का हवाला दे सकते हैं, लेकिन इसके इतर ठेकेदार ने एसडीएम, तहसीलदार और प्रशासन के आदेशों को ठेंगा दिखाकर घटिया निर्माण का काम फिर शुरू कर दिया है. दरअसल यह पूरा मामला बिलासपुर न्यायधानी के तखतपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत जुनापारा का है, जहां जुनापारा से कठमुड़ा मार्ग में लगभग 2 करोड़ 29 लाक रुपए के लागत से पीडब्ल्यूडी (PWD) विभाग के द्वारा दो किलोमीटर सड़क और दो पुलिया निर्माण कार्य करवा रही है. हालांकि lalluram.com की टीम इस खबर के जरिए जिम्मेदारों तक इस खबर को पहुंचाकर घटिया निर्माण को रूकवाने और ग्रामीणों को मिलने वाली सुविधा और लाभ दिलाने की प्राथमिकता की पहल पर है, लेकिन इस खबर से प्रशासन के नुमाइंदे दोबारा अलर्ट होकर कार्यवाही करते है या फिर हमेशा की तरह भर्राशाही का रवैया निरंतर जारी रहेगा. खैर प्रशासन अपनी कार्यवाही करती है या नहीं ये तो नहीं मालूम लेकिन ग्रामीण अब लामबंद हो चुके हैं.

इस संबंध में जुनापारा के ग्रामीण रामेश्वर पूरी गोस्वामी ने कहा कि यदि घटिया सड़क और पुलिया निर्माण कार्य नहीं रुकेगी तो आने वाले दिनों में एकजुट होकर इस घटिया निर्माण की उच्चस्तरीय शिकायत करेंगे और जरूरत पड़ेगी तो चक्काजाम भी करेंगे, ताकि भ्रष्टाचार के विरोध में अपने गांव से आवाज बुलंद कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए लगातार मांग करेंगे.

इस मामले में सोनू अग्रवाल तहसीलदार तखतपुर ने कहा, पीडब्ल्यूडी (PWD) के अधिकारियों को पत्र लिखकर लगभग 15 दिन पहले इस निर्माण कार्य का फाइल मंगाया गया, जिसमें पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा निर्माण कार्य के टेक्निकल फाइल उपलब्ध नहीं करवाया गया है, जिसके कारण अभी तक जांच पूर्ण नहीं हो पाई है. मामला गंभीर है. मामले को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है. विभाग के जिम्मेदार अधिकारी को तलब किया गया है. अगर सड़क पुलिया निर्माण कार्य की फाइल संबंधित विभाग जल्द उपलब्ध नहीं करवाती है तो एसडीएम को एक पक्षीय कार्यवाही के लिए प्रतिवेदन सौंप दूंगा.

लल्लूराम डॉट कॉम ने इस संबंध में इंजीनियर से बात करने के लिए इस नंबर 9303823258 में फोन लगाया था, लेकिन इंजीनियर कंवर ने हमेशा की तरह फोन को नजर अंदाज कर दिया और फोन रिसीव नहीं किया. इससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभाग कितना सजग है.

एसडीएम ने खबर चलाने के बाद घटिया निर्माण मामले की जांच के आदेश दिए. तहसीलदार के नेतृत्व में 5 सदस्यीय जांच टीम गठित की. पीडब्ल्यूडी ने अभी तक फाइल उपलब्ध नहीं करवाया, जिसके कारण गठित टीम लगभग 20 दिनों में भी जांच पूरी नहीं कर पाई है. सड़क पुलिया निर्माण कार्य के जांच हुए बिना ही ठेकेदार ने घटिया निर्माण को दबाने के लिए आनन-फानन में काम शुरू कर दिया. आखिर ऐसे ठेकेदार को किनका संरक्षण मिल रहा है. पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदार अधिकारी आखिर क्यों मौन है. कार्यवाही तो दूर की बात है जांच टीम को निर्माण कार्य की फाइल देने में हाथ पाव फुल रहे हैं. आखिर पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का भर्राशाही रवैया कब तक चलेगी.

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