अभिषेक सेमर, तखतपुर. छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार को खत्म करने के वादे को लकर सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी के दावे को ठेकेदार बेअसर करने में लगे हैं. लोक नर्माण विभाग में ठेकेदार का इतना बोलबाला है कि राज्य में बदली हुई सरकार का दहशत तक नहीं है.
यही वजह है कि मटेरियलों में स्तरहीन मटेरियल का मिलावट कर करोड़ों का गोलमाल करने में लगे हैं और दावा भी कर रहे हैं कि करोड़ों का भ्रष्टाचार को अंजाम देकर हजम कर लेंगे.

दरअसल यह पूरा मामला बिलासपुर जिले के तखतपुर स्थित जुनापारा का है, जहां ग्रामीणों के आवागमन के लिए एक ही रास्ता होने के कारण सड़क और पुलिया निर्माण के लिए शासन और प्रशासन से लगातार मांग कर रहे थे. ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए PWD लोक निर्माण विभाग संभाग क्रमांक दो द्वारा दो किलोमीटर सड़क और दो पुलिया निर्माण कराया जा रहा है, जिसका ठेका राजस्थान सोसायटी फार्म को मिला है.

भ्रष्टाचार को अंजाम देने के लिए ठेकेदार कछुए से भी धीमी गति से काम करा रहा है, ताकि इस ठेके से अधिकारी और नेताओं की नजर भटका सके और धीरे-धीरे मलाई को कुतरते चले जा रहे हैं, लेकिन इसमें मजेदार बात तो यह है कि इस ठेकेदार के काले करतूत को अंजाम देने के लिए केवल ठेकेदार बस ही जिम्मेदार नहीं है बल्कि इस पूरे निर्माण में अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध कटघरे पर नजर आ रही हैं. उनके संरक्षण पर ही ठेकेदार खुद का छप्पन इंच का सीना ताने घटिया पुल बनवा रहा है और ना ही निर्माण कार्य का नागरिक सूचना पटल लगवाना जरूरी समझते हैं.

इस मामले में घटिया मटेरियल उपयोग करके सड़क और पुलिया निर्माण कार्य की शिकायत मिलने पर लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ने जब पड़ताल किया तो पता चला घटिया रेत और लाल गिट्टी का उपयोग कर पुलिया निर्माण करवाया जा रहा है. इसकी सूचना संबंधित सब इंजीनियर कवर को दी गई. इंजीनियर ठेकेदार द्वारा करवाए जा रहे निर्माण कार्य के तारीफों के कसीदे गढ़ने लगे और खूब तारीफ करने लगे. तब वहा हो रहे निर्माण में खराब मटेरियल के बारे में जानकारी दी गई तो इंजीनियर ने बताया कि सब लेब टेस्ट है और अच्छी क्वालिटी के हैं. तब रेत के बारे में जानकारी दी गई कि बहुत ही खराब और मिट्टी मिक्स रेत का उपयोग किया जा रहा है. उसके बाद भी सब इंजीनियर ठेकेदार का पक्ष लेते नहीं थके.

पहले भी बनाई पुलिया पर आई थी दरारें

बता दें कि कुछ ही दूरी में उसी ठेकेदार द्वारा पुलिया का निर्माण किया हुआ था, जिसमें दरार आ गई थी. इसके बारे में पूछने पर सब इंजीनियर बताने लगे कि नए पुल में दरार आ जाता है तो ठेकेदार को मरम्मत करने की आश्वयकता क्यों आन पड़ी. इतनी जानकारी होने के बाद भी ठेकेदार की गलतियों पर परदा डालते रहे और इस पूरे मामले में एक कहावत बहुत ही सटीक बैठता है कि सैयां भये कोतवाल, अब डर काहे का.

जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी : एसडीओ

इस पूरे मामले में लोक निर्माण विभाग संभाग क्रमांक दो के एसडीओ प्रियंका मेहता ने बताया कि गुणवता से कार्य किया जा रहा है. अगर संबंधित ठेकेदार खराब मटेरियल का उपयोग कर सड़क और पुल निर्माण कर रहा होगा तो संबंधित ठेकेदार नोटिस जारी कर मैं स्वयं ही मौका निरीक्षण करूंगी और कही गड़बड़ी पाई जाती है तो ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखूंगी.

शिकायत के बाद भी खराब मटेरियल डाल रहे : रामेश्वर पूरी

रामेश्वर पूरी गोस्वामी ने बताया, तखतपुर जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायत जुनापारा से कठमुडा मार्ग पर दो किलोमीटर सड़क और पुलिया निर्माण करवाया जा रहा, जिसमें ठेकेदार द्वारा जमकर भर्रासाही और भ्रष्टाचार किया जा रहा है. निर्माण कार्य में ऐसे मटेरियल का उपयोग किया जा रहा, जो गुणवताहीन और घटिया है. मेरे द्वारा इस निर्माण कार्य में हो रहे भ्रष्टाचार का विरोध करते हुए सोशल मीडिया में बतौर चेतावनी की जानकारी दी गई कि पुलिया निर्माण में घटिया मटेरियल का इस्तेमाल कर निर्माण करवाया जा रहा है. उसके बावजूद भी संबंधित इंजीनियर द्वारा उसी खराब मटेरियल से बेखौफ निर्माण करवा रहे थे.

उन्होंने बताया, इसकी शिकायत के बाद भी उस खराब मटेरियल जैसे रेत, गिट्टी, को लैब टेस्टिंग बताते हुए निर्माण कार्य करवाया जा रहा है. ऐसे इंजीनियर के इंजीनियरिंग की पढ़ाई पर भी सवाल खड़े हो रहे, जिसने आखों में पट्टी बांधकर खराब मटेरियल को अच्छा बताकर काम करवा रहे हैं. मैं शासन-प्रशासन से मांग करता हूं कि ऐसे गुणवत्ताहीन कार्य की शीघ्र ही उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए और भ्रष्टाचार में लिप्त ऐसे अधिकारी कर्मचारी और ठेकेदार के उपर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी अधिकारी कर्मचारी गड़बड़ी करने से पहले कार्यवाही को लेकर उनके दिलों दिमाग में खौफ रहे और जनता को गुणवत्ता सड़क और पुलिया निमार्ण होकर मिले.

रिपोर्ट मंगाकर कार्रवाई की जाएगी : एसडीएम

इस मामले में तखतपुर एसडीएम ज्योति पटेल ने कहा कि आपके माध्यम से सूचना मिली है. एसडीओ और सब इंजीनियर से रिपोर्ट लेकर मटेरियल की रिपोर्ट लेकर कार्रवाई की जाएगी. सूचना पटल काम शुरू होने से पहले ही लगाया जाना चाहिए. यदि नहीं लगा होगा तो उसकी भी रिपोर्ट ले लेंगे.

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