चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा की 117 सीटों के लिए 14 फरवरी को मतदान होना है, लेकिन प्रदेश कांग्रेस में टिकटों के बंटवारे को लेकर घमासान मचा हुआ है. आज सुबह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सामने ही सभी बड़े नेता आपस में भिड़ गए. सीएम चरणजीत सिंह चन्नी, पंजाब कांग्रेस के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू और कैंपेन कमेटी चेयरमैन सुनील जाखड़ में बहस हो गई.

 

सीएम फेस घोषित करने की भी उठी मांग

इधर सीएम चेहरा घोषित करने की मांग भी पार्टी में लगातार उठ रही है. चन्नी और सिद्धू दोनों ही खुद को मुख्यमंत्री फेस बता रहे हैं. सिद्धू ने तो कांग्रेस का घोषणापत्र आने से पहले ही पंजाब मॉडल भी पेश कर दिया है. इधर आलाकमान सीएम फेस के ऐलान के मूड में नहीं है, क्योंकि इनका मानना है कि इससे पार्टी वोट बंट सकते हैं. चन्नी दलित सिख हैं, तो उन्हें लुभाना है, सुनील जाखड़ के जरिए हिंदू वोट लेने हैं और सिद्धू के जरिए जाट सिखों के वोटों को, लेकिन सिद्धू और सीएम चन्नी लगातार सीएम चेहरा घोषित करने की मांग कर रहे हैं. चन्नी ने कांग्रेस को चुनाव में हार का डर दिखाया है, तो सिद्धू ने कहा है कि दूल्हे के बिना कैसी बारात. इससे पहले गुरुवार देर रात भी केंद्रीय चुनाव कमेटी (CEC) की मीटिंग में चन्नी, सिद्धू और सुनील जाखड़ तीनों आपस में उलझ गए थे.

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इसी बीच तीनों ही नेता अपने समर्थकों को टिकट दिलाना चाहते हैं, ताकि आगे चल कर सीएम की कुर्सी पर दावा मजबूत हो सके. गुरुवार रात को कांग्रेस में 78 सीटों पर चर्चा हुई, जिसमें विवाद होता देख सोनिया गांधी ने कहा कि पहले नेता आपस में सहमति बनाएं, उसके बाद मीटिंग में आएं. इसके बाद आज फिर दिग्गज नेताओं के साथ मीटिंग की जा रही है, जिसमें फिर से कल रात वाले ही हालात बने हुए हैं. इसी बीच काफी हद तक कांग्रेस टिकटों पर सहमति बन चुकी है. कांग्रेस की पहली लिस्ट जारी हो सकती है, जिसमें 73 से 75 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा हो सकती है. इसमें ज्यादातर विधायक ही होंगे.

 

सीएम चन्नी ने खेला दांव

पंजाब में आदमपुर सीट से सीएम चन्नी अपने रिश्तेदार मोहिंदर केपी को चुनाव लड़ाने के पक्ष में हैं, हालांकि नवजोत सिद्धू का कहना है कि जालंधर वेस्ट से विधायक सुशील रिंकू को आदमपुर से लड़ाया जाए. मोहिंदर केपी जालंधर वेस्ट से लड़ें. पहले यह चर्चा भी रही कि अनुसूचित जाति वोट बैंक को देखते हुए सीएम चन्नी चमकौर साहिब के साथ आदमपुर से भी चुनाव लड़ें, लेकिन ‘वन फैमिली-वन टिकट’ के फॉर्मूले के बाद यह संभव नजर नहीं आ रहा था, इसीलिए सीएम ने अपने करीबी रिश्तेदार केपी के लिए यहां लॉबिंग की है.