रायपुर- छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देश के सबसे आधुनिक शहर के रूप में पहचान बना चुके नया रायपुर को सजाने और संवारने में कई चुनौतियां सामने थी, लेकिन उन तमाम चुनौतियों से जूझते हुए सपनों का एक शहर खड़ा किया गया. राजधानी रायपुर में एक निजी होटल में आयोजित स्मार्ट सिटी समिट में बोलते हुए मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने उन तमाम चुनौतियों को लोगों से साझा किया. उन्होंने कहा कि जब मैं 2003 में पहली बार मुख्यमंत्री बना, तब मंत्रालय पूर्व में अस्पताल रह चुके डी के भवन बिल्डिंग में संचालित होता था. उस वक्त लगा कि राजधानी को दोबारा विकसित करने की जरूरत है.

डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि शहर को आकार देने की. जंगल को बनाना आसान है, लेकिन बसे बसाए शहर को नया रूप देना उतना ही मुश्किल, लेकिन इन्हीं तमाम चुनौतियों से जूझते हुए नया रायपुर की परिकल्पना की गई. 14 साल पहले नया रायपुर की परिकल्पना की गई थी, जो अब जाकर साकार हुई है.

नया रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा आयोजित स्मार्ट सिटी समिट में मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि देश में एक सौ नए स्मार्ट सिटी की कल्पना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की है. उनकी उस परिकल्पना को नया रायपुर में हम साकार करने का प्रयास कर रहे हैं, जहां सभी मूलभूत जरूरतों को चिन्हांकित कर, शिक्षा, स्वास्थ्य, इलेक्ट्रिसिटी और ग्रीनरी के लिए प्रावधान किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि नये रायपुर को देश के अच्छे स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए सभी प्रकार के कार्य शामिल किए गए ताकि की आने वाली पीढ़ी के लिए हम एक बेहतर शहर का निर्माण कर सकें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश का जब गठन हुआ तब प्रदेश के मंत्रालय का संचालन राजधानी रायपुर स्थित उस समय के सरकारी जिला अस्पताल के भवन से शुरू किया गया था. राजधानी के रूप में रायपुर शहर की भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर नया रायपुर का निर्माण शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि नया रायपुर वर्ष 2030 की आवश्यकताओं के अनुरूप विकसित किया जा रहा है. नया रायपुर के निर्माण में गांवों के स्वरूप को बिना बदले वहां भी नया रायपुर जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी है.

एनआरडीए के अध्यक्ष अमन कुमार सिंह ने नया रायपुर को विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री की सोच और नया रायपुर में किए जा रहे विभिन्न कार्यों की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने कहा कि नया रायपुर को बसाने के लिये हमेशा इस बात का हमेशा ध्यान रखा गया कि शहर पीपल सेंट्रिक होना चाहिये,ससटेनेबल हो,और कल्चरल औऱ एजुकेशन हब के रुप में विकसित हो.

अमन कुमार सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ का जन्म पिछड़ेपन के कारण ही हुआ था. विरासत में हमें नक्सलवाद की समस्या थी. ऐसे समय में बिना किसी आर्थिक सहायता के नया रायपुर विकसित करने की परिकल्पना की. मुख्यमंत्री की सोच के अनुरूप नई राजधानी को जन केन्द्रित बनाया गया. आपसी सहमती के आधार पर 5 हजार हेक्टेयर भूमि की सीधी खरीदी की गई. भूमि अधिग्रहण के गाइड लाइन से दो गुने राशि दी गई. पूरे क्षेत्र को 41 सेक्टरों में बांटा गया.  इसी प्रकार नया रायपुर में 27 प्रतिशत क्षेत्र ग्रीन एरिया रखा गया है. इको डेवलेपमेंट फिलासाफी के तहत 800 एकड़ में जंगल सफारी, 300 एकड़ में बाटनीकल गार्डन,क्रोकोडाइल पार्क, आदि विकसित किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि नया रायपुर में ट्रांजिट आरिएंटेड कांसेप्ट के तहत कार्य किया जा रहा है, जिससे आस पास के अन्य शहर के लोग यहां आकर काम कर सकें. यहां इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सिस्टम भी बनाया गया है, जिससे यहां की बिजली, लिफ्ट, एयर कंडीशनर आदि को कंट्रोल किया जा सकता है.
स्मार्ट सिटी समिट के मौके पर मुख्यमंत्री ने तेलंगाना के ऊर्जा विभाग के विशेष सचिव अजय मिश्रा को उर्जा विभाग का उर्जा सेक्टर में नवाचार के लिए सम्मानित किया. इसी प्रकार समारोह में कर्नाटक के सर्वे एण्ड सेटलमेंट कमिश्नर मुनीष मुदगिल को डिशाक एप के लिए, निधि चौधरी डिप्टी कमिश्नर वृहद मुम्बई मुनिस्पल कार्पोरेशन को अवैध कब्जे हटाने में ई-गर्वेनेंस के उपयोग, डॉ. राजेन्द्र जगताप मुख्य कार्यपालन अधिकारी पुणे स्मार्ट सिटी को स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, लखनऊ के अपर आयुक्त पी.के श्रीवास्तव, मुरादाबाद के कमिश्नर अवनीश कुमार शर्मा, बरेली के कमिश्नर राजेश कुमार श्रीवास्तव को सॉलिड वेस्ट मेंनेजमेंट में नवाचार के लिए सम्मानित किया.

मुख्यमंत्री ने नया रायपुर विकास प्राधिकरण के ऑनलाइन भुगतान के लिए तैयार किए गए पेमेंट गेटवे का भी अनावरण किया. सम्मेलन में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र तेलंगाना, कर्नाटक, राजस्थान, जम्मू कश्मीर और छत्तीसगढ सहित दस राज्यों के नगरीय निकायों के महापौर तथा कमिश्नर शामिल हुए. एनआरडीए के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मुकेश बंसल, महाप्रबंधक एम.डी. कांवरे, आवास एवं पर्यावरण विभाग के सचिव संजय शुक्ला, तेलंगाना के ऊर्जा विभाग के विशेष सचिव अजय मिश्रा, वृहत मुम्बई कोर्पोरेशन की डिप्टी कमिश्नर निधि चौधरी सहित राज्यों के नगरीय निकायों के महापौर और कमिश्नर उपस्थित थे.