रायपुर. शिक्षाकर्मियों की संविलियन की घोषणा के बाद पुलिसकर्मियों का हाजमा बिगड़ गया है. कई पुलिसकर्मी शिक्षाकर्मियों की संविलियन के बाद सोशल मीडिया में बगावती तेवर में कमेंट्स करते नजर आ रहे हैं. वही कई पुलिसकर्मी मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र वायरल कर रहे हैं. तरह-तरह के कमेंट्स और मांग पत्रों से व्हाट्सएप और फेसबुक पट चुका है. देखिये कुछ हुबहू वायरल पोस्ट…
वायरल पोस्ट- 01
छत्तीसगढ़ पुलिस परिवार हुए एक जुट कहा
हम देबो वही ल वोट जौन करही पुलिस हित के गोठ !!
पुलिस के लिए न मकान है नही अच्छी सैलेरी है शिक्षाकर्मीयों की गर्मी ,दीवाली छुट्टी और 8 घंटे डियूटी फिर भी 8 साल बाद 45 से 52 हजार रूपये सैलेरी कर दी यंहा सिपाही 15-20 साल तक सिपाही रहता है और सैलेरी 25 से30 हजार पुलिस परिवार मे रोस उत्पन्न हो गया पुलिस न तो अपनी हक के लिए लड़ सकती है नही हड़ताल कर सकती आजादी के बाद भी पुलिस को गुलाम रखा गया है नही लेता कोई सुध बस्तर जैसे सुदूर ईलाके मे अपने परिवार को छोड़कर जान जोखिम मे डालकर सेवा दे रहे जवान ! नेता इन्ही के बदौलत सुरक्षित है और आम जनता भी पुलिस के बिना विकास असंभव है विकास की ढोल पीटने वालों के लिये चुनौती बन सकती है पुलिस परिवार की सरकार से खुली चुनौती सभी पुलिस परिवार को एकजुट होने किया जा रहा अव्हान नही डरने की दी नशीहत अधिकार सबका अपनी मांग रखने का कब तक चुप रहेगी पुलिस
वायरल पोस्ट- 02
25/06/2018 सोमवार को तारीख तैय हुवा सी. एम. हाऊस घेराव के लिये. छ. ग. समस्त पुलिसकर्मी
पुलिस परिवार के सभी भाइयो से अनुरोध है कि सभी जवान अपने अपने परिजनों को पुलिस विभाग के वेतन , अवकाश, और सभी समस्याओं के लिए जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन व रायपुर विधानसभा के घेराव व हड़ताल के लिए बात कर एक निश्चित दिनांक को तैयार कीजिए और आगे जवानों तक जल्दी से जल्दी शेयर करें ताकि निश्चित दिनांक तैयार किया जा सके ।
??धन्यवाद??
वायरल पोस्ट – 03
प्रति
श्री डॉ. रमन सिंह जी
मुख्यमंत्री , छत्तीसगढ़ शासन ,मंत्रालय, महानदी भवन नया रायपुर, छत्तीसगढ़
विषय :- आपकी सरकार द्वारा पुलिस विभाग के तृतीय वर्ग के कर्मचारियों के साथ किये जा रहे सौतेले ब्यवहार और अनुशासन के नाम पर शोषण करने के सम्बंध में पुलिस सुधार हेतु मांग पत्र।
माँगें:-
1.राज्य के सभी तृतीय वर्ग के पुलिस कर्मचारियों के वेतन एवं भत्ते केंद्र सरकार के तृतीय वर्ग कर्मचारियों की तरह दिए जाएं।
2.राज्य के सभी तृतीय वर्ग पुलिस कर्मचारियों के आवास की समुचित ब्यवस्था उपलब्ध बल के अनुरूप की जाए।
3.शासकीय कार्य हेतु वर्तमान में सायकल भत्ता दिया जा रहा हूं उसे पेट्रोल भत्ता करते हुए कम से कम 2000 रुपये दिया जाए।
4.पुलिस किट ब्यवस्था को मध्यप्रदेश की तरह बंद कर किट भत्ता दिया जाए।
5.ड्यूटी के दौरान मरने वाले कर्मचारी को शहीद का दर्जा देते हुए मध्यप्रदेश की तरह 1 करोड़ रुपये की सहायता राशि व परिवार के 1 सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति दी जाए।
6.अवकाश की पात्रता को अन्य विभागों की तरह अनिवार्य किया जाए और सप्ताह में एक दिन छुट्टी निश्चित की जाए ।
7.अन्य विभागों की तरह राज्य के तृतीय वर्ग पुलिस कर्मचारियों के परिवार के मुफ्त इलाज की ब्यवस्था प्रदान की जाए।
8.अन्य विभागों की तरह पुलिस के ड्यूटी करने का समय 8घंटे निश्चित किया जाए और निर्धारित समय से ज्यादा कार्य लेने पर अतिरिक्त भुगतान दिया जाए।
9.नक्सल प्रभावित जिलों में तैनात बल को उच्च मानक के सुरक्षा उपकरण जैसे बुलेट प्रूफ जैकेट व अत्याधुनिक हथियार उपलब्ध कराए जाये।
10. 10वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके सिपाहियों को प्रमोशन दिया जाए।
श्री मान जी हम भी इंसान हैं हमें भी दर्द होता है दिन रात समाज की सेवा सुरक्षा करते करते ये भी भूल जाते हैं कि हमारा परिवार सुरक्षित है या नही फिर भी हमे हर बार अनुशासन के नाम पर ठगा जाता है । पर अब गुलामी मंजूर नही या तो हमारा विभाग बदलेगा या हम अपना विभाग बदल देंगे । उपरोक्त मांगों को अगर राज्य शासन अनसुना करती है तो छत्तीसगढ़ के समस्त पुलिस कर्मचारीगण चुनाव के पहले नो वर्क नो पे में जाकर चुनाव का बहिष्कार करेंगे फिर चाहे समाज की ब्यवस्था गड़बड़ाए या चुनाव रुके इसके जिम्मेदार माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ होंगे और आप पुलिस परिवार के लगभग 20,00000 वोट से वंचित हो जाएंगे
धन्यवाद।
निवेदक गण
छत्तीसगढ़ पुलिस के समस्त जवान