हेमंत शर्मा, इंदौर। शहर के क्रीसेंट रिसोर्ट में कवि सम्मेलन समिति के अधिवेशन में काव्याकाश के सात सितारों ( ‘सप्तर्षि’) को सम्मानित किया गया। सभी सम्मान साहित्यजगत के मूर्धन्य रचनाकारों के नाम से दिए गए। शनिवार को शुरू हुए दो दिवसीय अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में सबसे पहले कोरोना काल में दिवंगत रचनाकारों को श्रद्धांजलि दी गयी। वरिष्ठ रचनाकार सुरेंद्र शर्मा व समिति के अध्यक्ष अरुण जेमिनी के साथ शीर्षस्थ कवियों ने दीप प्रज्ज्वलन किया। अध्यक्ष ने देशभर से आये रचनाकारों का स्वागत किया। सचिव रमेश मुस्कान ने कहा कि 7 जुलाई 2015 को जिस समिति की नींव रखी गयी वह आज एक भव्य इमारत के रूप में साहित्यजगत के सामने है।

क्रीसेंट रिसोर्ट के डायरेक्टर अखिलेश रॉय ने वरिष्ठ कवि सुरेंद्र शर्मा का स्वागत किया। डीजीपी होमगार्ड्स पवन जैन ने कहा कि कार्यक्रम में वाचिक परम्परा की तीन पीढियां मौजूद हैं जिन पर कविता के संस्कारों की रक्षा की जिम्मेदारी है। मंच के समस्त स्तम्भों को एकजुट होकर इस संस्कृति की स्थापना करनी होगी। कवि का दायित्व जनभावनाओं को शब्द देना और अतिवाद की आंच से मंच को बचाना होना चाहिए। सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि कवि की जिम्मेदारी संकट पर कविता लिखना है, कविता से संकट पैदा करना नहीं। संतोष है कि कविता में बाजार आया है लेकिन बाजारूपन नहीं आया।

कार्यक्रम में सोम ठाकुर को नीरज सम्मान, सत्यनारायण सत्तन को मनहर सम्मान, सरोज कुमार को व्यास सम्मान, जगदीश सोलंकी को बैरागी सम्मान, घनश्याम अग्रवाल को काका सम्मान, प्रमिला भारती को सुभद्रा सम्मान दिया गया। स्व. प्रमोद तिवारी के परिवार को टण्डन फैमिली फाउंडेशन अंतरराष्ट्रीय कवि-कुटुंब सम्मान से सम्मानित किया गया। संचालन चिराग जैन ने किया। सम्मानित होने वाले कवियों का परिचय डॉ राजीव राज,अजातशत्रु, पं अशोक भाटी, अशोक चारण, गोविंद राठी,नन्दिनी हर्ष एवं कमलेश शर्मा ने प्रस्तुत किया। वरिष्ठ कवि पद्मश्री सुरेंद्र दुबे, गुरु सक्सेना, विनीत चौहान, डॉ कीर्ति काले, डॉ प्रवीण शुक्ल, सूरज रॉय सूरज, गुनवीर राणा, अर्जुन सिंह चांद, सुरेंद्र सार्थक, अतुल ज्वाला, बलराम श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus